कड़कनाथ मुर्गे का लजीज स्वाद लेने के लिए अब लोगो को बस्तर या अन्य राज्यों में जाने की जरूरत नही पड़ेगी. अब आप अपने जिले में ही कड़कनाथ मुर्गा ले सकते हैं.
दुर्ग। पूरे देश मे मशहूर कड़कनाथ मुर्गे का लजीज स्वाद लेने के लिए अब लोगो को बस्तर या अन्य राज्यों में जाने की जरूरत नही पड़ेगी क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार अपनी महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के अंतर्गत गौठानो में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने के लिए अब गौठानो में कड़कनाथ मुर्गा का पालन कर रही है. जिससे अब आसानी से बाजारों में कड़कनाथ मुर्गा आम जनता को मिल सकेगा.
दरअसल रायपुर जिला पंचायत सहित प्रदेश के सभी जिलों में इसकी शुरुआत कर दी गई है. प्रशासन को उम्मीद है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार की गई इस अनूठी योजना से हर महिला महीने में 10,000 प्रतिमाह आसानी से कमा सकेगी.इस योजना की शुरुआत के लिए रायपुर जिला पंचायत तिल्दा ब्लॉक की कुछ महिलाओं का चयन कर लिया गया है. यानी वह दिन ज्यादा दूर नहीं है जब प्रदेश के हर जिले के बाजार में देसी कड़कनाथ मुर्गा मिलेगा.
लोगों मे कड़कनाथ मुर्गे की मांग ज्यादा
दरअसल कि रायपुर शहर सहित प्रदेश में नॉनवेज खाने वालों के बीच देसी कड़कनाथ मुर्गे की मांग बेहद अधिक है. लेकिन कड़कनाथ का शौक रखने वालों को वह आसानी से नहीं मिल पाता है. अगर लोगो कड़कनाथ खाना हो तो लोग बस्तर संभाग के दौरे पर निकल जाते हैं. बस्तर में आदिवासी ग्रामीणों के घरों में कड़कनाथ पाले जाते है. बाजार में अगर कोई कड़कनाथ खरीदने जाए तो वह उसे आठ सौ से एक हजार रुपये प्रति किलो की दर से मिलता है. रायपुर में कड़कनाथ पालने का काम शुरू होने केबाद उसे बेचने लिए रायपुर और तिल्दा में आउटलेट खोला जाएगा. जिला पंचायत ने इन्ही आउटलेट के ज़रिए से कड़कनाथ की बिक्री करने की योजना बनाई है.
डॉक्टर भी देते है खाने की सलाह सेहत के लिए फायदेमंद
कड़कनाथ मुर्गे का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है. इस मुर्गे में आयरन और प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है. जबकि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी घटाता है. दिल के मरीज और डायबिटीज के रोगियों के लिए कड़कनाथ को बेहद फायदेमंद माना गया है. माना जाता है कि दुनिया के किसी भी खाये जाने वाले पक्षी के मांस मे देसी कड़कनाथ जितने पोषक तत्व नही होते हैं. यही वजह भी है कि महंगा होने के बावजूद नॉनवेज खाने वालों में सबसे ज्यादा मांग इस मुर्गे की है. कोरोना संक्रमण के दौर में लोग इसे इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर भी देखते हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है बढ़ावा
कड़कनाथ मुर्गा के बाहर और भीतर दोनों तरफ से पूरी तरह से काला होता है यही नहीं, इसका मांस काला और खून भी काला होता है. देखने में बहुत ही पुष्ट होता है. कड़कनाथ मुर्गे की खासियतों को देखते हुए अब छत्तीसगढ़ सरकार भी इसे पालने में मदद कर रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने कड़कनाथ मुर्गा पालन को बढ़ावा देने के मकसद से कई योजनाएं चला रखी हैं। छत्तीसगढ़ में 53 हजार रुपए डिपॉजिट करने पर सरकार की तरफ से चूजे, मुर्गियों के शेड और छह महीने तक दाना मुफ्त में दिया जाता है. इतना ही नहीं मुर्गियां स्वस्थ रहें इसके लिए टीकाकरण और स्वास्थ्य की दूसरी देखभाल जिम्मा भी भी सरकार ही उठाती है.