नक्सल के सवाल पर डिप्टी CM विजय शर्मा और महंत की तीखी बहस! शर्मा ने महंत से पूछा, आपने सरकार चलाई…
By : hashtagu, Last Updated : July 24, 2024 | 4:41 pm
- सत्ता पक्ष भाजपा के विधायक और विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने प्रदेश भर में बढ़ते क्राइम पर चिंता जताई तथा कई तरह के सवाल खड़े किए जिसका जवाब गृह मंत्री विजय शर्मा (Home Minister Vijay Sharma) दे दिया। नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत से शर्मा की मीठी तकरार हुई।
- मंत्री ने नक्सल घटनाओं से जुड़े आंकड़े सदन में प्रस्तुत किए तो महंत ने प्रश्न करते हुए पूछ लिया कि छह महीने में 273 नक्सली घटनाएं हुई जिनमें मुठभेड़ भी शामिल है, 19 जवान शहीद हुए हैं, घायल हैं, 34 नागरिकों की हत्या किस प्रकार से हुई, गोली से, गला काटकर या अन्य प्रकार से, मंत्री जी बताएं।
गृह मंत्री शर्मा ने इसका जवाब देते हुए कहा कि नक्सली घटनाएं में 19 नागरिकों की मौत, 88 घायल हुए हैं, 4 की जन अदालत में हत्या हुई, मुखब्रिरी में 34 तथा नक्सली फायरिंग में एक की मौत हुई है।
आप उत्तर नही दे पाएंगे, मुझे पता है : महंत
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत से फिर से सवाल किया कि आपने कहां कि 137 नक्सली मारे गए, गिरफ्तार कितने हुए, कितने ईनामी थे, कितने ईनामी नक्सली शामिल थे, इस पर शर्मा ने संतोषजनक जवाब दिया। महंत ने पूछ लिया कि पुलिस विभाग में भरमार बंदूकें काम कर रही हैं या नहीं, इस पर विजय शर्मा ने कहा की मैं आपके साथ चलकर बंदूकों का निरीक्षण कर सकता हूं। इस पर महंत दुबारा बोले कि गृह विभाग का दावा है कि नक्सलियों से भरमार बंदूकें जब्त होती हैं।
- शर्मा ने कहा कि भरमार बंदूक चलने लायक हैं। इस तरह विषय का प्रस्तुतिकरण, ये विषय स्वीकार्य नहीं, ऐसा कहना उचित नहीं, एके 47 बरामद हुआ, राइफल बरामद हुआ। महंत ने पुनः कहा कि आपने लिखित उत्तर दिया है। मैं भी 97 में गृह मंत्री था। भरमार बंदूकें जब्त होती हैं, क्या चलने लायक है, आप उत्तर नही दे पाएंगे, मुझे पता है, गृह मंत्री ने कहा की आप सीनियर हैं। 790 नक्सली जेल में हैं, 765 विचाराधीन है, कब से हैं, जानकारी दे दूंगा।
आपने भी सरकार चलाई, क्या नक्सलवाद खत्म हो गया : विजय शर्मा
इसी बीच भाजपा विधायक विक्रम मंडावी भी इस मुद्दे पर बोल पड़े। उन्होंने कहा की मुठभेड़ हुई तो 10 भरमार बंदूके के साथ 600 जवान हमला कैसे कर सकते हैं, मंत्री विजय शर्मा ने कहा की आपने भी सरकार चलाई है क्या खत्म हो गया नक्सलवाद. महंत ने कहा की आपने ही दावा किया है नक्सलवाद खत्म करने का। इस पर शर्मा ने कहा की ऐसे आरोप लगाकर सुरक्षाबलों के हौसले ना तोड़िए।
महंत ने कहा की सदन की खाली कुसी पर बैठे हुए सीएम साय को नमन। इस पर सदन में ठहाके लग गए।
- विधायक कवासी लखमी ने आरोप लगाया की तेंदूपत्ता तोड़ने गए गए ग्रामीणों को नक्सली बताकर गिरफ्तार किया गया, कुछ को मार दिया गया। इस पर सदन में होहल्ला मच गया। शर्म करो, के नारे लगे।
इसके बाद स्वस्थ्य मंत्री जायसवाल विजय शर्मा के समर्थन में उतरे। नारेबाजी के साथ प्रश्नकाल समाप्त हो गया। शर्मा ने कहा की नक्सलियों का साथ देना बंद करें।
एक दूसरे की गलती पकड़ी सीनियर विधायकों ने इसी दौरान विधायक भूपेश बघेल ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कहा की राज्य में बाहर से अपराधी आ रहे, हत्या लूटपाट की धमकी दे रहे, मंत्री के साथ उनके फोटो दिख रहे, सरकार के सहयोगी संगठन बजरंग दल, वीएचपी आंदोलन कर रहे हैं। अपराधियों को सत्ता का संरक्षण हासिल हैं। श्री बघेल ने गृहमंत्री विजय शर्मा को टोका की आसंदी की तरफ पीठ कैसे किये हैं।
- इस पर विधायक अजय चंद्राकर ने बघेल को करारा जवाब देते हुए कहा कि अध्यक्ष जी ग्रह विभाग पर चर्चा का मुद्दा अभी ग्राहय या अग्राह्य नही हुआ है, इसके पहले ही बघेल ने चर्चा शुरू कर दी। उस पर बघेल का जवाब आया कि उन्होंने अध्यक्ष की सहमति से ही अपनी बात रखना शुरू की है। नेता प्रतिपक्ष महंत ने आपत्ति की की अजय चंद्राकर हर बात पर विपक्ष को टोकते रहते हैं।
कई विधायकों ने सदन में रखी बात
आज सदन में भोजन काल के पहले विधायक अनिला भेड़िया, विधायक रोहित साहू विधायक सावित्री मनोज मंडावी, विधायक भैया लाल रजवाड़े, विधायक गजेंद्र यादव, डॉक्टर चरण दास महंत, विधायक विक्रम मंडावी, विधायक चतुरी नंद, विधायक उमेश पटेल, विधायक लखेश्वर बघेल, विधायक अजय चंद्राकर, विधायक गोमती साय ने अपने-अपने क्षेत्र के मुद्दों को सदन में रखा जिसका जवाब विभागीय मंत्रियों ने दिया।
रमन सिंह ने बढ़ाया सुशांत शुक्ला का हौसला
- बिलासपुर संभाग के विधायक सुशांत शुक्ला ने जब अपना विषय विधानसभा सदन में रखना शुरू किया तो कुछ सीनियर विधायक उठकर जाने लगे, इस पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने सभी को टोकते हुए सुझाव दिया कि नए विधायक अपनी बात रख रहे हैं सीनियर विधायकों को सुनना चाहिए जिन्हें सुनना है वे बैठें, बाकी चाहे तो जा सकते हैं।संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, मंत्री रामविचार नेताम, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने विभागीय प्रतिवेदन रखा।
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