Elephant Death: अलविदा वत्सला! पन्ना टाइगर रिजर्व में देश की सबसे बुजुर्ग हथिनी की मृत्यु, ऐसा था उसका जीवन
By : hashtagu, Last Updated : July 9, 2025 | 1:29 pm
Elephant Death: पन्ना टाइगर रिजर्व के हिनौता क्षेत्र में देश की सबसे बुजुर्ग हथिनी, वत्सला, 8 जुलाई को 100 वर्ष से अधिक आयु में निधन हो गई। वत्सला को एशिया की सबसे पुरानी हथिनी माना जाता था और वह पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र रही थी। वत्सला के जीवन की खासियत यह थी कि उसने न केवल अपनी उम्र के कारण पूरे हाथी दल का नेतृत्व किया, बल्कि अन्य मादा हाथियों के बच्चों को भी नानी या दादी के रूप में स्नेहपूर्वक देखभाल की।
पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और कर्मचारियों ने वत्सला का अंतिम संस्कार किया। उनके निधन से न केवल वन्यजीव प्रेमियों, बल्कि आम लोग भी गहरे शोक में डूब गए हैं।
केंद्रीय मंत्री और CM का शोक:
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक जताते हुए लिखा, “आज एक दुखद समाचार ने हृदय को व्यथित कर दिया। पन्ना टाइगर रिजर्व की गौरवशाली धरोहर, हम सबकी अत्यंत प्रिय वत्सला अब हमारे बीच नहीं रहीं। वे दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनियों में शुमार थीं। दशकों तक उन्होंने दादी की तरह नन्हे हाथियों की देखभाल की। पन्ना टाइगर रिजर्व में उन्हें देखना और पुकारना, एक आत्मीय संवाद जैसा अनुभव होता था। वत्सला, तुम सदा हमारी स्मृतियों में जीवंत रहोगी। अलविदा!”
आज एक दु:खद समाचार ने हृदय को व्यथित कर दिया। पन्ना टाइगर रिजर्व की गौरवशाली धरोहर, हम सबकी अत्यंत प्रिय वत्सला अब हमारे बीच नहीं रहीं।
वे दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनियों में शुमार थीं। दशकों तक उन्होंने दादी की तरह नन्हे हाथियों की देखभाल की।
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 8, 2025
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “वत्सला का सौ वर्षों का साथ आज विराम पर पहुंचा। पन्ना टाइगर रिज़र्व में आज दोपहर ‘वत्सला’ ने अंतिम सांस ली। वह मात्र हथिनी नहीं थी, हमारे जंगलों की मूक संरक्षक, पीढ़ियों की सखी और मप्र की संवेदनाओं की प्रतीक थीं। टाइगर रिज़र्व की यह प्रिय सदस्य अपनी आंखों में अनुभवों का सागर और अस्तित्व में आत्मीयता लिए रहीं। उसने कैंप के हाथियों के दल का नेतृत्व किया और नानी-दादी बनकर हाथी के बच्चों की स्नेहपूर्वक देखभाल भी की। वह आज हमारे बीच नहीं है, पर उसकी स्मृतियां हमारी माटी और मन में सदा जीवित रहेंगी। ‘वत्सला’ को विनम्र श्रद्धांजलि!”




