नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में 65 साल बाद राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र (एनएएससी) परिसर में कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICAE) के 32वें संस्करण का आयोजन हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इसका उद्घाटन किया। सम्मेलन में आए विदेशी मेहमानों ने भारतीय कृषि के योगदान की जमकर तारीफ की।
केन्या के डोडो मकवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की सराहना की और कृषि क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “भारत कृषि के क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है और यहां किया जा रहा शोध सराहनीय है।” मकवाल ने अपने पारंपरिक कृषि विकास के माध्यम से अन्य देशों को भोजन की आपूर्ति करने में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला।
सोब्रेन ने निष्कर्ष निकाला, “जापान में मेरे विश्वविद्यालय में भारतीय सहकर्मी हैं; वे स्मार्ट हैं और अपने ज्ञान को लागू करने के लिए भारत लौटेंगे। आपके प्रधान मंत्री एक अच्छे व्यक्ति हैं, और आज उन्हें सीधे देखकर मुझे खुशी हुई है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली बार 65 साल पहले जब आईसीएई का सम्मेलन यहां हुआ था तो भारत को उस समय नई-नई आज़ादी मिली थी। वह भारत की खाद्य सुरक्षा को लेकर, भारत की कृषि को लेकर एक चुनौती भरा समय था। आज भारत, एक फूड सरप्लस देश है। आज भारत, दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत अनाज, फल, सब्जी, कपास, चीनी, चाय, मछलियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। एक वह समय था, जब भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया की चिंता का विषय था। एक आज का समय है, जब भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा, वैश्विक पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है।
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