जनता का मिला आशीर्वाद, जातीय समीकरण कुछ नहीं होता : विजयी निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह
By : hashtagu, Last Updated : July 13, 2024 | 5:31 pm
उपचुनाव में मिली जीत से खुश शंकर सिंह ने कहा कि वे 30 सालों से जनता के बीच राजनीति नहीं, उनकी सेवा कर रहे हैं। मैं राजनीति नहीं सेवा करता हूं।
- जाति समीकरण से जुड़े हुए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने कभी जाति की राजनीति नहीं की, जमात की राजनीति की। मुझे जीत को लेकर पूरा विश्वास था। छह चक्र तक की मतगणना में भले पीछे था, लेकिन मैं जानता था कि मेरी जीत होगी।
पक्ष और विपक्ष द्वारा पूरा जोर लगाए जाने के बाद भी जीत से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि पक्ष विपक्ष नहीं होता। इससे कोई लेना -देना नहीं, जनता मेरे लिए सबकुछ है।
उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र में कई काम करने हैं। जनता से राय लेकर आगे कुछ फैसला लेंगे।
रुपौली सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत हासिल की है। उन्होंने एनडीए-जदयू के प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को आठ हजार से ज्यादा वोटों से हराया। सभी 13 राउंड की गिनती पूरी होने के बाद शंकर सिंह को 68,070 वोट मिले, जबकि जदयू प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को 59,824 वोट मिले और वह 8,246 मतों से हार गये।
राजद की प्रत्याशी और पूर्व विधायक बीमा भारती को सिर्फ 30,619 मत मिले।
पूर्व विधायक शंकर सिंह फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में रामविलास पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी, हालांकि नवंबर 2005 के चुनाव में वे हार गए थे।
बताया जाता है कि दबंग छवि वाले सिंह का बीमा भारती के बाहुबली पति अवधेश मंडल के वर्चस्व की लड़ाई चलती रही है। इस चुनाव से पहले वे लोजपा (रामविलास) से इस्तीफा देकर बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए।
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