अभी सचेत नहीं हुए तो भू-जल भी प्रदूषित हो जाएगा- डॉ. रमन सिंह
By : madhukar dubey, Last Updated : October 7, 2024 | 12:57 pm
रायपुर. 6 अक्टूबर 2024। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह (Speaker of Chhattisgarh Assembly Dr. Raman Singh) और उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज धमतरी के गंगरेल बांध के किनारे आयोजित दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन (International water conference) के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए। लोगों को जल संरक्षण और जल संचय के प्रति जागरूक करने दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया गया था। इन गतिविधियों में धमतरी जिले के साथ ही प्रदेशभर के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन में चार देशों के प्रतिनिधियों सहित देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविदों, जल संरक्षकों, नीति निर्माताओं, विशेषज्ञों और गैर-सरकारी संगठनों ने अपनी बातें रखीं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने जल जगार महा उत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जल की एक-एक बूंद को बचाने की चिंता करने के लिए इस जल जगार महा उत्सव का आयोजन किया गया है। इस दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों में भारी संख्या में लोगों की भागीदारी को देखकर इसकी सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। हजारों लोग इनमें भागीदार बन रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि पर्यावरण के प्रति यदि हम अभी सचेत नहीं हुए तो भू-जल भी प्रदूषित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के विशेषज्ञों, सुप्रसिद्ध पर्यावरणविदों और जल के संरक्षण-संवर्धन के लिए जिन लोगों ने अपना जीवन खपा दिया, ऐसे लोगों को धमतरी की धरती पर बुलाकर इस शानदार आयोजन के लिए मैं जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई देता हूं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जल संचय और जल संरक्षण पूरी दुनिया में आसन्न जल संकट से निपटने का एकमात्र उपाय है। इसके लिए पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है और जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं। समाज और आम लोगों को भी इसके लिए आगे आना होगा, तभी हम अपनी जल धरोहरों को बेहतर ढंग से संरक्षित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि पीएचई और नगरीय प्रशासन मंत्री के रूप में राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति की महती जिम्मेदारी मेरे विभागों की है। श्री साव ने जल जीवन मिशन, जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर, मिशन अमृत और एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि कि भारत सरकार की अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम और अभियान जल और पर्यावरण के संरक्षण-संवर्धन को समर्पित हैं। उन्होंने माता अंगार मोती की पवित्र धरती पर जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के सफल आयोजनों के लिए जिला प्रशासन की पीठ थपथपाई।
- जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को सांसद श्री भोजराज नाग और श्रीमती रुपकुमारी चौधरी ने भी संबोधित किया। समापन कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने महा उत्सव के तहत आयोजित जल विधानसभा के अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की अपनी भूमिकाओं की झलक भी दिखाई।
अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन सत्र मे वनमंडलाधिकारी श्री कृष्णा जाधव ने अपने प्रतिवेदन मे बताया कि दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय जल सम्मलेन में देश-विदेश के 150 से ज्यादा प्रतिनिधि, 69 जल विशेषज्ञ और वक्तागण सहित पद्मश्री से सम्मानित तीन पर्यावरणविद शामिल हुए। डेनमार्क, जापान, श्रीलंका और यूनिसेफ़ के प्रतिनिधियों ने भी अपनी भागीदारी दी। उन्होंने कहा कि इस सम्मलेन से जल प्रबंधन और संचयन के क्षेत्र में नया दृष्टिकोण मिला है। निश्चित रूप से इस सम्मलेन से जिले में जल संचय और जल संरक्षण के कार्यों को नई दिशा मिलेगी। श्री जाधव ने कहा कि नारी शक्ति से जल शक्ति तक की सोच ने जल जगार जैसे नवाचारी अभियान को मूर्त रूप दिया। इस अवसर पर कलेक्टर सुश्री नम्रता गाँधी ने सम्मेलन के निष्कर्षों और सुझावों को अतिथियों को सौंपा। विधायक श्री रोहित साहू और दीपेश साहू तथा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरु निषाद भी जल जगार महा उत्सव के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए।
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