किरणदेव छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष बने रहेंगे, कांग्रेस ने कहा- चुनाव एक नौटंकी

By : dineshakula, Last Updated : January 17, 2025 | 11:24 am

रायपुर: छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर फिर से किरणदेव (Kiran Deo) की ताजपोशी तय हो गई है। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े शुक्रवार को इसकी घोषणा करेंगे। वे देर रात रायपुर पहुंचे, जहां उनका स्वागत प्रदेश अध्यक्ष खुद किरणदेव ने एयरपोर्ट पर किया। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी नीतिन नबीन भी उनके साथ थे।

गुरुवार की रात भाजपा के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी की गई। चुनाव अधिकारी खूबचंद पारख ने जानकारी दी कि नामांकन तीन सेट में आए, जिनमें किरणदेव का नाम ही सामने आया। पारख ने इस संबंध में कहा, “अब दिल्ली से सहमति के बाद विनोद तावड़े नाम की घोषणा करेंगे।” जब उनसे पूछा गया कि क्या यह माना जाए कि किरणदेव ही अध्यक्ष होंगे, तो उन्होंने इसका जवाब देने से परहेज किया, हालांकि यह स्पष्ट था कि अब तक किसी और का नामांकन नहीं हुआ है।

पारख ने बताया कि अध्यक्ष बनने के लिए तीन साल का सक्रिय सदस्य होना जरूरी है और इस बार केवल किरणदेव के नाम पर ही प्रस्ताव आए। अब इस पर दिल्ली से अंतिम स्वीकृति का इंतजार है।

प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए धर्मलाल कौशिक और नारायण चंदेल के नाम भी चर्चा में थे, लेकिन चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद दोनों नेताओं ने अपने नामांकन वापस ले लिए। मंच पर दोनों नेताओं को किरणदेव से हाथ मिलाते देखा गया, लेकिन उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए अपना नाम आगे नहीं किया।

किरणदेव के दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनने की वजहों पर गौर करें, तो पार्टी में उनके कार्यकाल के दौरान कुछ सकारात्मक बदलाव हुए हैं। बस्तर में भाजपा की शानदार जीत और उनके द्वारा संगठन को संजीवनी देने का प्रयास पार्टी के नेताओं के लिए संतोषजनक था। आगामी निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के नेताओं ने बदलाव करने की जरूरत नहीं समझी, क्योंकि वर्तमान संगठनात्मक ढांचा अपेक्षाकृत स्थिर है।

साथ ही, बस्तर से आने वाले किरणदेव का प्रदेश अध्यक्ष बने रहना आदिवासी क्षेत्र के नेताओं को खुश रखने की रणनीति भी हो सकती है, खासकर जब कांग्रेस में भी बस्तर से दीपक बैज प्रदेश अध्यक्ष हैं। भाजपा में कार्यकर्ताओं के बीच कोई खास नाराजगी नहीं है, जिससे पार्टी ने अध्यक्ष बदलने की कोई गंभीर आवश्यकता महसूस नहीं की।

वहीं, कांग्रेस ने इस चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “भा.ज.पा. का यह आंतरिक लोकतंत्र है, जहां चुनाव के नाम पर केवल नौटंकी की जाती है।” उनका आरोप था कि भाजपा के भीतर कोई सच्चा चुनाव नहीं हुआ और केवल किरणदेव का नामांकन स्वीकार किया गया। शुक्ला ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हुआ था, तब भी किसी ने नहीं देखा कि किस दिन, किसके सामने नामांकन भरा गया था, लेकिन जेपी नड्डा फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए।