कुमारी सैलजा ने ‘दागे’ मोदी पर सवाल! कहा-छत्तीसगढ़ में बनाएंगे ‘प्रचंड’ बहुमत से सरकार
By : hashtagu, Last Updated : October 11, 2023 | 9:34 pm
कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से तैयार है, बल्कि अगर ये कहूं कि पिछले 5 साल से हम तैयार हैं, तो ये गलत नहीं होगा। आज हम लोगों के बीच में जा रहे हैं अपना नारा लेकर – ‘भरोसा बरकरार, फिर से कांग्रेस सरकार’ और ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जो हमने कहा, राहुल गांधी जी ने जो छत्तीसगढ़ के लोगों से वायदा किया, वो हमारी सरकार ने पूरा किया। चाहे किसानों के लिए हो, चाहे हमारे आदिवासी क्षेत्र के लिए हो, चाहे हमारे जो भूमिहीन मजदूर हैं, गरीब हैं, उनके लिए न्याय की बात हो। हर तरह से हमने जो कहा, वो करके दिखाया। ये एक फर्क भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में है कि कांग्रेस पार्टी ने कभी झूठ की राजनीति नहीं की है। राहुल गांधी जी जो कहते हैं, वो हमारी पार्टी करती है।
- प्रधानमंत्री जी जुमलेबाजी के अलावा कुछ नहीं देते हैं। आप याद कर लीजिए 15 लाख की बात और आज के दिन भी छत्तीसगढ़ में जब प्रधानमंत्री जी गए, बस्तर इलाके में गए, नगरनार की बात आई, तो उनसे पूछा गया, वहाँ के लोगों ने उनसे वायदा मांगा कि आप बताइए कि स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होगा। लेकिन उन्होंने ऐसा कोई वायदा नहीं किया। असलियत सामने है। कहना कुछ होता है, चुनाव के समय बड़े-बड़े वायदे किए जाते हैं, लेकिन बाद में सब चीजों को, सब बातों को भूल जाते हैं।
साथियों, हम अपने काम के दम पर ये कहते हैं कि फिर से ना केवल हमारी सरकार बनेगी बल्कि प्रचंड बहुमत से बनेगी। पिछली बार हमारे 68 विधायक जीते, उसके बाद उपचुनावों में 3 और हमारे विधायक बने। आने वाले समय में इस चुनाव में हम 75 का आंकड़ा पार करेंगे। कोई भी वर्ग हो, चाहे हमारा किसान है, मजदूर है, गरीब है, शहरी है, ग्रामीण क्षेत्र है, हर एक नागरिक को हमने अपने विकास का हिस्सा बनाया है। हर एक को लगा है कि राज्य सरकार ने उसके लिए कुछ ना कुछ करके दिया है, करके दिखाया है। साथियों, चाहे धान की खरीद की बात करें, 1 नवंबर से जो धान की खरीद होगी, वो पहले से ज्यादा 15 क्विंटल से ज्यादा 20 क्विंटल प्रति एकड़ सरकार करेगी। ये वो बात है जो हमने करके दिखाई है।
हमारी आंगनबाड़ी बहनों का भत्ता बढ़ाकर 10 हजार किया गया है। कर्मचारियों के लिए काम हुआ है। हमारे आदिवासी क्षेत्र में 67 वन उपज हम एमएसपी पर खरीद रहे हैं और देश का सबसे बड़ा हिस्सा 65 प्रतिशत वन उपज का छत्तीसगढ़ से आ रहा है। किसी वर्ग को छोड़ा नहीं। आवास की बात करें… 2011 के बाद इस सरकार ने कोई आंकड़े नहीं दिए हैं और आप ये समझ सकते हैं कि 2011 से अब 2023 हो गया है, पिछली जनगणना हुई नहीं है। जो जरूरतमंद लोग हैं, उन्हें अपने अधिकार से वंचित रखा गया है या सरकार को जो उनकी सहायता करनी थी, वो आंकड़े सामने ना आने से ना जाने कितने अनगिनत लोग हैं जिनको सरकारी स्कीमों से फायदा नहीं हो पा रहा है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार ने भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में सभी सहयोगियों ने, सबने मिलकर फैसले लिए और हमने 10 लाख लोगों को आवास देने का प्रबंध किया है।
- तो आप समझ सकते हैं कि छत्तीसगढ़ की हमारी कांग्रेस की सरकार लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, काम करके हमने दिखाया है। नीति आयोग की रिपोर्ट खुद इस बात की गवाह है कि छत्तीसगढ़ में 40 लाख लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं, जबकि पूरे देश में विपरीत ट्रेंड हुआ है भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान बनिस्बत यूपीए सरकार के।
आरक्षण की हम बात करें… भारतीय जनता पार्टी सरकार आरक्षण के पिछड़े वर्ग के लुभावने नारे देती है, बातें करती है, ऊपर से लेकर नीचे तक, शीर्ष नेतृत्व से लेकर नीचे तक, लेकिन जब कुछ देने की बात हो, कुछ करने की बात हो, तो आप पीछे हट जाते हैं। छत्तीसगढ़ में सर्वसम्मति से विधेयक पारित किया गया, जिसमें 76 प्रतिशत आरक्षण हमने विभिन्न वर्गों को दिया और ये सर्वसम्मति से हुआ, जिसमें भाजपा की भी हिस्सेदारी थी उसको पारित करने में और खुद माननीय राज्यपाल महोदया ने कहा था कि आप पारित करिए और उसको हम कानून बनाने में देर नहीं लगाएंगे, हस्ताक्षर करने में मैं देर नहीं लगाऊंगी और आपने देखा क्या हुआ, उनका हस्ताक्षर करना तो दूर, माननीय राज्यपाल को ही वहाँ से बदल दिया और आज भी वो लंबित है विधेयक, जो सर्वसम्मति से पास हुआ। जिसमें अनुसूचित जाति और जनजाति को तो जनगणना के आधार पर आरक्षण मिल रहा था, लेकिन हमने ओबीसी का डेटा कलेक्ट किया आयोग के माध्यम से और उसके तहत 27 प्रतिशत हम ओबीसी को आरक्षण दे रहे थे, 32 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति को, 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति को और 4 प्रतिशत इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन… कमजोर वर्ग को, लेकिन इसको भारतीय जनता पार्टी लागू नहीं होने दे रही है। ये नहीं चाहते कि जिन लोगों को विकास में हिस्सा देना चाहिए, उन्हें मिले, केवल बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, फायदा दिया जाता है तो अपने चंद साथियों को।
हमने पौने दो लाख करोड़ के करीब पैसा अपने इन वर्गों में बांटा है, जो जरूरतमंद वर्ग है, हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में, लेकिन केंद्र सरकार उन्हें हिस्सेदारी नहीं देना चाहती। धान की भी अगर हम बात करें, तो जाकर वहाँ पर अब आप मीडिया के लोग हैं, आप सब समझते हैं जब शीर्ष नेतृत्व कुछ बात करता है, तो उस पर विश्वास करना चाहिए, क्योंकि उम्मीद करते हैं हम कि वो तो सच ही बोलेंगे, परंतु वहाँ जाकर खुद माननीय प्रधानमंत्री जी अगर ये कहें कि केंद्र सरकार कर रही है खरीद, तो एक ही सवाल है तो फिर इतने पैसे 2,640 रुपए प्रति क्विंटल अगर आप खरीद के दे रहे हैं, तो फिर गुजरात में क्यों नहीं, उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं? वहाँ पर क्यों 1100 रुपए?
इस तरह जब लोगों को बरगलाने की बात करते हैं, तो लोगों का विश्वास उठता है, भरोसा उठता है और यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के लोगों को हम पर भरोसा है और हमें छत्तीसगढ़ के लोगों पर भरोसा है। आने वाला समय बताएगा, शीघ्र ही हम अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करेंगे। हमारी प्रक्रिया एक सिस्टम से, एक हिसाब से होती है। ईसी की बैठक, स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक, उसके बाद सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक… लगातार हमारी इन कमेटियों की बैठकें हो रही हैं, कल भी हुई और अब अगले दो-चार दिनों में हम अपनी लिस्ट निकालेंगे।
- विधान सभा चुनावों के लिए कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची आने में देरी को लेकर पूछे एक प्रश्न के उत्तर में कुमारी शैलजा ने कहा कि जो आपने लिस्टों की बात कही, मैं छत्तीसगढ़ के संदर्भ में जवाब दे सकती हूं आपको कि हमारे स्थानीय नेताओं ने ही और हम सबको महसूस हुआ कि हम अभी अपना कार्य करते रहें और लिस्ट हम ले आएंगे, हमें मालूम है, हम स्थिति भी देख रहे तो उसके हिसाब से हमारी ही एडवाईस पर ये फैसला लिया गया कि हम इसको समय देखते ही करेंगे।
बीजेपी द्वारा राहुल गांधी को डैफ्ट और ईविल (Daft and Evil) बताने को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कुमारी शैलजा ने कहा कि जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग आप आज के दिन देख रहे हैं, अगर सीधा इनसे एक सवाल पूछा जाए, ये निम्न स्तर पर आ जाते हैं। कभी पब्लिक डिस्कोर्स में इस प्रकार की भाषा का प्रयोग हुआ नहीं है, न हमारे देश की ये संस्कृति है। जब इनके पास जवाब नहीं होता तो ये व्यक्तिगत इंसल्ट्स पर आ जाते हैं, ये इनकी छोटी सोच को दिखाता है। ऊपर से नीचे, शीर्ष नेतृत्व से लेकर नीचे तक, चाहे आपके मीडिया में हम देखें या बाहर देखें जिस प्रकार की भाषा का ये प्रयोग करते हैं, ये ये भूल जाते हैं कि देश ने इनके ऊपर कोई जिम्मेदारी दी है और ये उस जिम्मेदारी को, हमारे भारत की संस्कृति को निभाना नहीं जानते हैं, समय पर इन्हें पता चलेगा और राहुल गांधी जी, जिस प्रकार से उन्होंने यात्रा की… भारत जोड़ो यात्रा, देश भर को जोड़ा, ये बता दें इनके कोई नेता हैं जो जमीन पर उतरकर हमारे आम नागरिक के साथ, उनके साथ बैठकर उनके दुख-दर्द को सुनते हैं और आम नागरिक की भी बात भूल जाइए, आप मुझे ये बता दीजिए कि क्या प्रेस के सामने ये कभी आए हैं? क्या आपके किसी सवाल का जवाब आपको मिला है? क्या माननीय प्रधानमंत्री जी कभी आपसे रूबरू हुए हैं? क्या कारण है? ये एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतांत्रिक देश में प्रेस का एक बहुत अहम रोल होता है, मीडया का अहम रोल होता है और ये आपको दिन-प्रतिदिन महसूस हो रहा होगा कि प्रेस की, मीडिया की इस देश में इन्हें कोई जरूरत नहीं महसूस होती।
- एक अन्य प्रश्न पर कि आपने कहा कि धान खरीदी सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के भीतर की जा रही है, 2,640 रुपए प्रति क्विंटल दिया जा रहा है, आने वाले वक्त में क्या ये ऐलान आप लोग और ज्यादा बढ़ाने वाले हैं और भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि धान खरीदी नहीं है, बल्कि ये छलावा है किसानों के साथ, क्या कहेंगी? कुमारी शैलजा ने कहा कि पहले ये बताएं छलावा किस तरह से है? अगर हम अपने किसान को छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा दाम दे रहे हैं तो छलावा तो ये बाकी देश में कर रहे हैं जहां पर इनकी सत्ता है, वहां के किसान को क्यों नहीं दे पा रहे? जैसा मैंने कहा गुजरात है, यूपी है, जहां भी इनकी सरकार हैं, वहां पर क्या इन्होंने वहां के किसान के साथ छलावा नहीं किया? क्या वहां के किसान को ये जवाब दे पाएंगे कि छत्तीसगढ़ में किसान को इतना दाम क्यों मिल रहा है और वहां पर इतना कम क्यों मिल रहा है? तो छलावा तो ये कर रहे हैं इन राज्यों के किसानों के साथ और हमने अभी… पहले 15 क्विंटल प्रति एकड़ हम खरीद कर रहे थे, 1 नवंबर से हम 20 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदेंगे।
छत्तीसगढ़ों में उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कुमारी शैलजा ने कहा कि उम्मीदवारों की बात जो आपने कही, अब ये देखा जाएगा कि सेंट्रल इलेक्शन कमेटी हमारी लिस्ट कब, कैसे निकालती है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कुमारी शैलजा ने कहा कि इसको आप जिस तरह से पेश कर रहे हैं, ऐसी स्थिति नहीं है और आप कांग्रेस पार्टी को जानते हैं, हमारा एक सिस्टम रहा है हमेशा से। जब हमारी सत्ता होती है तो इलेक्शन को लीड जो 5 साल सत्ता में रहे होते हैं, वो लीड करते हैं। तो आज के दिन वो हमारे मुख्यमंत्री हैं, वो लीड कर रहे हैं और जैसा हमेशा हर जगह होता है, चुनाव के बाद हाई-कमान फैसला करता है।
एक अन्य प्रश्न पर कि अभी आपने कहा था कि छत्तीसगढ़ में सरकार फिर से बनेगी, पिछली बार 68 सीटें जीते थे, इस बार 75 जीतेंगे, तो अगर इतनी अच्छी पोजीशन कांग्रेस की है, तो फिर ये क्यों चर्चा चल रही है लगातार कि 20 के आसपास विधायकों के टिकट कटेंगे? कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार ने अपनी नीतियों से लोगों के बीच में काम किया है और उनका भरोसा जीता है हमने और नि:संदेह हमारी सरकार बनेगी और जैसा मैंने कहा पिछली बार से ज्यादा अच्छे बहुमत से जीतेंगे, क्योंकि हमने काम करके दिखाया है। रही बात टिकटों की और इंडिविजुअल कैंडिडेट्स की, वो तो हर कैंडिडेट का परफॉर्मेंस देखा जाता है, नीचे हम लोगों की आवाज सुनते हैं और उसी बात पर आंकलन किया जाता है, हर सीट को देखकर फिर उसका फैसला किया जाता है।
- जाति जनगणना को बीजेपी द्वारा हिन्दुओं को बांटने वाली बताए जाने को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कुमारी शैलजा ने कहा कि बात हिन्दुओं की नहीं है, इस देश में हिन्दू रहे हैं, हिन्दू हैं, हिन्दू रहेंगे तो उसमें तो कोई बात है नहीं बांटने की, लेकिन ये बात जरूर है कि इन लोगों ने हमेशा हिन्दुओं को ही नहीं, देश को बांटने की बात की है, समाज को बांटने की बात की है। हम ये कहते हैं कि जो समाज में वंचित वर्ग हैं, जिसको विकास का हिस्सा मिलना चाहिए, जो डिज़र्विंग लोग हैं उन तक फायदा पहुंचे और फायदा तब तक नहीं पहुंचेगा जब तक हमारे पास आंकड़े नहीं हों।
ये बेसिक बात है और ये चाहे प्लानिंग कमीशन है, चाहे कोई कोर्ट है… जहां भी हम जब जाते हैं, वो कहते हैं पहले आंकड़े लेकर आइए और ये सरकार आंकड़े लाना नहीं चाहती। हमने जनगणना की 2011 में, इनको वो पब्लिश करनी चाहिए थी, आज तक वो निकाली नहीं है इन्होंने, अगली जनगणना की नहीं। आगे की बात कब क्या होगी, क्या इन पर आप भरोसा कर सकते हैं? आंकड़ों को छिपाना ही इनका काम है, हर तरह से इन्होंने आंकड़े छिपाए हैं चाहे कोरोना का समय था, तब आंकड़े छिपाए, अब इनकी कोशिश है… कि इनका एजेंडा बिखर जाएगा अगर असलियत सामने आ जाएगी। तो हम ये चाहते हैं, हमारी 2 बाते हैं कि एक तो असली आंकड़े आने चाहिए, इसके लिए हमारी वर्किंग कमेटी का रिज़ॉल्यूशन भी आपने देखा, कार्य समिति ने प्रस्ताव पारित किया है और हमने छत्तीसगढ़ में भी कहा है कि जनगणना होगी और हम वो आंकड़े सामने लाएंगे, ताकि लोगों को असलियत पता तो चले। आज के दिन आप ढक रहे हैं, कभी हिंदू की बात करते हैं, कभी कुछ बात करते हैं, लेकिन आप उन वर्गों की बात नहीं करते, जिन वर्गों को आज के दिन जरूरत है, हैंड होल्डिंग की जरूरत है या किसी भी प्रकार से डेटा सामने आना चाहिए।
- वोट तो जरूर जाकर मांगते हैं कि मैं फलाने वर्ग का हूं तो इसलिए मेरे साथ ये किया जा रहा है, मैं फलाने वर्ग का हूं तो ये होना चाहिए, उस समय तो आपको ये नहीं लगता कि आप बांट रहे हैं समाज को, तब क्यों अपने वर्ग की बात करते हैं आप, तब विक्टिम कार्ड प्ले करते हैं और जो असली हैं, जिन्हें वंचित रखा गया है या सिस्टम जिस तरह से बना है, उनके जब आंकड़े सामने आएंगे… बल्कि इसका तो सपोर्ट करना चाहिए भारतीय जनता पार्टी को कि हम पहले करें। कांग्रेस पार्टी को क्यों कहना पड़ा – जब असलियत सामने आई और पिछले 9 सालों में आपने देखा कि इन्होंने जो आंकड़े आने चाहिए थे, उनको दबाए रखा, तो ये असली नागरिक को, जिसको जरूरत है, उसको वंचित रखना चाहते हैं और धर्म के नाम पर या दूसरी बातों पर राजनीति करना चाहते हैं और देश को बांटना चाहते हैं।
2011 में जाति जनगणना को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कुमारी शैलजा ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा सोशियो-इकोनॉमिक कास्ट सेंसस हुआ था और उसको जैसा आप जानते हैं और जो इतिहास बताता है उसको कंपाईल करने में, इकट्ठा करने में, निकालने में समय लगता है और 2014 में उसकी तैयारी थी, जब सरकार बदली, नई सरकार पर… it was incumbent on the new govt. कि वो सारा डेटा, वो सेंसस, वो पब्लिश करें, लेकिन उस समय इन्होंने नहीं किया, आगे के टाइम में जब करना चाहिए था, तब जो भी बात रही हो लेकिन इन्हें एक बहाना मिला, तब जनगणना नहीं की और अब उसका नतीजा आप देख लीजिए, महिलाओं के आरक्षण का फिर एक जुमला छोड़ा है, कानून पास करके और कहते हैं आगे जनगणना होगी तब हम करेंगे, तो ये देश को बरगलाने का एक और जुमला देख लीजिए, 15 लाख से शुरू हुआ, महिलाओं के आरक्षण तक ले आए, हर तरह से लोगों की आंखों पर पर्दा डालने का प्रयास रहता है भारतीय जनता पार्टी का।
छत्तीसगढ़ में मध्यम वर्ग की समस्याओं को लेकर पूछे एक प्रश्न के उत्तर में कुमारी शैलजा ने कहा कि देखिए आने वाले समय में, जैसे हमने कहा कि हम वहां पर अपनी गिनती करवाते हैं, डेटा निकालते हैं, लेकिन ये जरूरी है कि केंद्र सरकार भी इस बात को माने और इस मूल मंत्र को माने कि ये देश आगे तब तक नहीं बढ़ेगा जब तक असली आंकड़े सामने नहीं आएंगे, असली आंकड़े सामने तभी आएंगे जब ये सेंसस कराएं और सेंसस कराने का इनका इरादा नहीं। तो ऐसे समय में राज्य सरकारें अपने-अपने हिसाब से कर रही हैं और हम हर एक वर्ग के इशूज को एड्रेस कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनावों के लिए बीजेपी द्वारा सांसदों को उतारने को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कुमारी शैलजा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 15 साल के कुशासन के बाद हार चुकी है, लोगों का विश्वास खो चुकी है। अब वो किसी तरह से कोई भी हथकंडे अपनाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि उनके पास राज्य में नेताओं की शायद कमी है इसलिए इस तरह की बात कर रहे हैं कि केंद्र से ले जाकर वहां पर लड़वाना चाहते हैं। कांग्रेस पार्टी पूरे विश्वास के साथ, भरोसे के साथ अगली सरकार बनाएगी।
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