महादेव-सट्टा-ऐप का KK कनेक्शन: नेताओं का पैसा दिल्ली भेजा, 50 करोड़ की मनी-लॉन्ड्रिंग में फंसे

By : dineshakula, Last Updated : November 17, 2024 | 10:49 am

रायपुर: छत्तीसगढ़ में चर्चित महादेव सट्टा ऐप (Mahadev app)मामले में नया मोड़ आया है। 15 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी केके श्रीवास्तव का नाम अब इस विवाद से जुड़ गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने श्रीवास्तव के खिलाफ 50 करोड़ रुपये की मनी-लॉन्ड्रिंग और हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर करने का केस दर्ज किया है। आरोप है कि श्रीवास्तव ने कई बड़े नेताओं के पैसे दिल्ली तक पहुंचाए और काले धन को सफेद करने का काम किया। श्रीवास्तव को “ज्योतिषी” के नाम से भी जाना जाता है, और उस पर कई नेताओं के लिए तांत्रिक पूजा करवाने के आरोप भी हैं।

श्रीवास्तव के खिलाफ हाल ही में धोखाधड़ी की शिकायत भी दर्ज हुई थी, जिसमें उन्होंने नवा रायपुर में 500 करोड़ रुपये का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट दिलाने के नाम पर एक बिल्डर से मोटी रकम ऐंठी थी। इस मामले में तेलीबांधा पुलिस द्वारा जांच के दौरान कई बैंक खातों की जानकारी सामने आई, जिनमें 300 करोड़ रुपये के लेन-देन के प्रमाण मिले हैं। ईडी को यह भी पता चला है कि श्रीवास्तव ने महादेव सट्टा ऐप से जुड़े लोगों के साथ फंड ट्रांसफर किया था। फोरेंसिक ऑडिट से यह पुष्टि हुई है कि इन फंड ट्रांसफरों का सीधा संबंध सट्टा ऐप से था।

श्रीवास्तव ने रावत एसोसिएट से मिले फंड को कोलकाता स्थित मजेस्टिक कॉमर्शियल के जरिए एरोजेट इंटरप्राइजेज को ट्रांसफर किया। मजेस्टिक कॉमर्शियल महादेव बैटिंग ऐप से भी संबंधित है। ईडी अब इस मामले में जेल में बंद महादेव सट्टा ऐप के आरोपियों से भी श्रीवास्तव के बारे में पूछताछ करने की योजना बना रही है।

श्रीवास्तव पर हवाला के माध्यम से नेताओं के पैसे दिल्ली भेजने और ब्लैक मनी को सफेद करने के आरोप हैं। प्रारंभिक जांच में ईडी को इस संबंध में पुख्ता सबूत मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, श्रीवास्तव ने पिछली सरकार के दौरान ज्योतिष के नाम पर अपना प्रभाव बढ़ाया था। कई नेताओं ने उनसे पूजा-पाठ करवाए और अपने धन को खपाने के लिए उनकी सेवाएं लीं।

तेलीबांधा पुलिस को श्रीवास्तव के पास 400 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी होने की जानकारी भी मिली है, जिसे उसने कथित तौर पर छिपा दिया है। इसके अलावा, श्रीवास्तव ने यूपी के रावत एसोसिएट के मालिक अर्जुन रावत को धोखा देकर उनसे 500 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट दिलाने के नाम पर पैसे लिए, लेकिन न प्रोजेक्ट दिलाया और न ही पैसे लौटाए।

तेलीबांधा पुलिस की एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले में अपनी जांच शुरू की है। इस पूरे मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है, क्योंकि श्रीवास्तव की कथित गतिविधियों में कई बड़े नेताओं की संलिप्तता के संकेत मिले हैं। ईडी की जांच से आने वाले समय में और भी खुलासे होने की संभावना है।