तमिलनाडु में PM मोदी ने किया ‘एकता यात्रा’ का जिक्र, 31 साल पुरानी तस्वीरों से यादें हुई ताजा

By : hashtagu, Last Updated : February 27, 2024 | 9:15 pm

नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)। 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) मंगलवार से दो दिन के तीन राज्यों के दौरे पर हैं। पीएम मोदी तमिलनाडु, केरल महाराष्ट्र के दौरे पर भी रहने वाले हैं। पीएम मोदी इन तीनों राज्यों में कई सारे विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

  • इसी बीच पीएम मोदी का पुराना फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह फोटो उस वक्त की है, जब दिसंबर 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी से ‘एकता यात्रा’ (Unity Yatra from Kanyakumari Tamil Nadu) की शुरुआत की थी। मोदी आकाईव एक्स हैंडल पर यह पोस्ट शेयर किया गया है। इस पोस्ट में पीएम मोदी की इस यात्रा से जुड़ी अलग-अलग फोटो भी है। इस एकता यात्रा में नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी भी नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल हो रहा है।

इस पर यूजर्स अलग-अलग के कमेंट्स कर रहे हैं। इस पोस्ट में बताया गया है कि दिसंबर 1991 में तमिलनाडु के कन्याकुमारी से ‘एकता यात्रा’ की शुरुआत की गई थी। उस वक्त नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के सिर्फ एक कार्यकर्ता थे। एकता यात्रा के जरिए भारत को एकजुट करने के लिए वह तमिलनाडु और अन्य राज्यों की प्रतीकात्मक रूप से मिट्टी लेकर आए थे। उनकी यह ऐतिहासिक यात्रा 26 जनवरी 1992 को कश्मीर में भारतीय ध्वज फहराने के साथ खत्म हुई थी।

  • बता दें कि 45 दिनों तक चली भाजपा की ‘एकता यात्रा’ 14 राज्यों से होकर गुजरी थी और 26 जनवरी 1992 को श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के प्रतीकात्मक कार्य के साथ समाप्त हुई थी। लाल चौक पर नरेंद्र मोदी ने भारतीय ध्वज फहराया था। उस वक्त उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प लिया था, जो नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को पूरा कर दिया था।

वहीं, तमिलनाडु में तिरुपुर के पल्लद में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक सार्वजनिक बैठक में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मेरी लिए तमिल भाषा और तमिल संस्कृति बहुत विशेष रही है, संयुक्त राष्ट्र में मैंने जो तमिल कविता पढ़ी थी, उसके बारे में विदेशों तक पूछा जाता है, मैंने अपने संसदीय क्षेत्र काशी में काशी तमिल संगमम करवाया।

उसे लेकर भी लोग सवाल पूछते है, मैंने देश और तमिलनाडु की महान परंपरा का सम्मान करते हुए पवित्र सेंगोल को देश की संसद में सबसे ऊंचे मंच पर स्थापित किया, इसको लेकर भी आज देशवासियों के दिल में तमिलनाडु को जानने की जिज्ञासा पैदा हुई, तमिलनाडु से मेरा रिश्ता राजनीति का नहीं है, ये रिश्ता दिल का है और दशकों पुराना है, मुझे तमिलनाडु की मिट्टी ने असीम प्रेम दिया है।”

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