नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा 1983 में लिखी गई एक कविता के कुछ अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इस कविता के जरिए पीएम मोदी ने आदिवासियों की स्थिति और संघर्षों को समझाने की कोशिश की है।
दरअसल, नरेंद्र मोदी ने इस कविता (Narendra Modi wrote this poem) को जिस परिस्थिति में लिखा, वह बड़ा दिलचस्प है। ‘मारुति की प्राण प्रतिष्ठा’ शीर्षक वाली इस कविता का एक अंश जो नरेंद्र मोदी के द्वारा हस्तलिखित है, उसकी प्रति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खूब शेयर की जा रही है। इस कविता के अंश को एक्स पर मोदी आर्काइव हैंडल से पहले शेयर किया गया, जहां से इसके वायरल होने का सिलसिला शुरू हुआ।
गांव के रास्ते में उनकी नजर धरमपुर के आदिवासियों पर पड़ी, जिनका जीवन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में बेहद मुश्किल था। दुख और व्यथा उनके चेहरे पर साफ देखी जा सकती थी। उनके शरीर काले पड़ गए थे।
नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन में ऐसा दृश्य पहली बार देखा था और इस घटना ने उनके हृदय को करुणा से भर दिया। फिर, घर लौटकर उन्होंने आदिवासियों की स्थिति और उनके संघर्षों को उजागर करते हुए ‘मारुति की प्राण प्रतिष्ठा’ नाम की एक कविता लिखी।
नरेंद्र मोदी कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि वह अपने ‘वनबंधु’ दोस्तों के साथ धरमपुर जंगल का दौरा अक्सर किया करते थे। इस दौरान वे भगवान हनुमान की मूर्तियां स्थापित करते थे और छोटे मंदिर बनाने का भी काम करते थे।
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