छत्तीसगढ़। दिल्ली में बीजेपी की राष्ट्रीय बैठक हुई। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ पूरी रणनीति तैयार की गई।चर्चा है कि इसमें करीब 100 लोकसभा सीटों (100 Lok Sabha seats) के वर्तमान सांसदों के नाम कट सकते हैं।इसके पीछे तर्क है कि ऐसे सांसद जिनके फोन नहीं उठने और जनता के बीच सक्रिय नहीं रहना कारण है। इसके अलावा जिन सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल नहीं की थी, इस बार उसे केंद्र में रखा गया है। साथ ही जिन सीटों पर जीत का अंतर 1 से 10 हजार वोटों का था। उन सीटों पर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की जुगत बीजेपी () लगा रही है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने ऐलान किया है कि इस बार बीजेपी 400 पार सीटों पर जीत हासिल करेगी। जिसे अब बीजेपी नेतृत्व एक चुनौती के रुप में लिया है। इस मिशन को पूरा करने के लिए भाजपा शासित राज्यों और गैर शासित राज्यों में आक्रामक चुनावी रणनीति बनने में जुटी है। इसके अलावा लोकसभा की एक-एक सीटों पर बीजेपी फूंक-फूंककर कदम उठा रही है। इसमें कोई भी थोड़ी बहुत गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती है।
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक गुरुवार को दिल्ली में देर रात 3 बजे तक चली। बताया जा रहा है कि पहली सूची में 150-200 सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा होगी, जिसमें छत्तीसगढ़ के भी 5 से लेकर 8 प्रत्याशी हो सकते हैं।
उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि और अन्य गतिविधियों का सर्वे
उम्मीदवारों के दावेदारों के जो सामने आ रहे हैं कि उसकी पार्टी इंटरनल सर्वे भी करा रही थी। यानी हर एक सीट से 2 से तीन नाम जो जातीय स्मीकरण के हिसाब से जीताऊ हो सकते है। चर्चा है कि उनके नामों पर संघ पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप चुका है। अब उन नामों और चुनावी रणनीति के हिसाब से विचार चल रहा है।
संगठन के अंदर सियासी संतुलन पर भी फोकस
बीजेपी ने इस छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में सांसदों को मैदान में उतार दिया था। इसमें कुछ हार गए या तो उन्हें जीत मिली है। इसके अलावा जिन वरिष्ठ विधायकों और पूर्व मंत्रियों को इस बार सरकार में नहीं शामिल किया गया है। उन्हें केंद्र की राजनीति में लाने का प्रयास भी बीजेपी अघोषित रूप कर रही है। ऐसे में जाहिर है कि कुछ वरिष्ठ विधायकों को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। जो भी हो, संभावना है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ में 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो जाए। सूत्रों की मानें तो 8 सीटों पर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित सभी सदस्यों की सहमति बन गई है।
रायपुर से इनके नाम दिग्गजों के नाम चल रहे हैं चर्चा में
समिति की बैठक में रायपुर सीट से तीन नाम का पैनल गया था। इसमें संजय श्रीवास्तव और डॉ. विजय शंकर मिश्रा का नाम प्रमुखता के साथ रखा गया। लेकिन राज्य के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के नाम पर सबकी सहमति बनीं। इस पर पीएम नरेंद्र मोदी का कहना था कि एक बार बृजमोहन अग्रवाल से भी सहमति ली जाए। अभी चुनावी मोड से बाहर आए हैं और तुरंत चुनाव लड़ने के लिए वो तैयार है या नहीं। ऐसे में इस सीट को अभी होल्ड पर रख दिया गया है।
महासमुंद से रूपकुमारी या अजय चंद्राकर लड़ सकते हैं
रायपुर की तरह महासमुंद से पैनल में रूपकुमारी चौधरी का नाम लगभग तय हो गया है, लेकिन कुछ लोगों की राय थी कि अजय चंद्राकर जिताऊ कैंडिडेट हो सकते हैं। पीएम मोदी ने उनसे भी राय लेनी की बात कही। वहीं बिलासपुर से अमर अग्रवाल के नाम पर भी यही बात कही गई। हालांकि यहां से जातिगत समीकरण के तहत किसी साहू को देने की बात सामने आ रही है। लेकिन पहली सूची में बिलासपुर के उम्मीदवार की घोषणा हो जाएगी।
राजनांदगांव लाेकसभा सीट पर अभी सस्पेंस
राजनांदगांव से सबसे प्रबल दावेदार के तौर पर सांसद संतोष पांडेय का नाम सामने आया है। समिति ने एक बार फिर विचार कर नाम लाने को कहा है। वहीं दुर्ग से विजय बघेल के नाम फाइनल बताया जा रहा है। इसके अलावा कांकेर से भोजराज नाग और राधेलाल नाग के नाम रखे गए हैं। इस पर फिर से विचार करने को कहा गया है।
दो हारी और तीन सांसद से विधायक बनी सीटें पहले
जिन पांच सीटों को फाइनल बताया जा रहा है कि उसमें दो हारी हुई कोरबा-बस्तर और तीन ऐसी सीटें बिलासपुर, रायगढ़ और सरगुजा हैं जिनके सांसद विधायक-मंत्री बन गए हैं। कोरबा से सरोज पांडेय का नाम फाइनल माना जा रहा है। रायगढ़ से रोहित साय, सरगुजा से कमलभान, बस्तर से सुभाऊ कश्यप की बात सामने आ रही है।
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