Political Story : इस बार लागू ‘नहीं’ महिला आरक्षण! लेकिन 33 प्रतिशत ‘टिकट वितरण’ में मचेगी होड़

इस बार भले ही छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल (लागू नहीं होगा। लेकिन पार्टियां बिल के फार्मेूले पर काम करेंगीं।

  • Written By:
  • Updated On - September 21, 2023 / 02:04 PM IST

रायपुर। इस बार भले ही छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Elections) में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल (33 Percent Women Reservation Bill) लागू नहीं होगा। लेकिन पार्टियां इस बार से ही बिल के फार्मेूले पर काम करेंगीं। इसके पीछे कारण है कि प्रदेश में महिला वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। ऐसे में इस आधी आबादी को साधने के लिए टिकट वितरण में उनको भविष्य में मिलने वाले कोटा लाभ पार्टियां अभी से देगी। इसमें बीजेपी पहले नंबर पर होगी, हो सकता है कि अन्य पार्टियां भी महिलाओं को 33 प्रतिशत के हिसाब से टिकट दें। ये बात सिर्फ छत्तीसगढ़ की ही नहीं है।

क्योंकि सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा में भी बीजेपी महिलाओं को उनके पूरे कोटे की सीटें देने की तैयारी में है। इसकी वजह है कि केंद्र में मोदी सरकार ने महिलाओं लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए बिल लाकर बड़ा दांव चला है। जबकि इस महिला आरक्षण को लेकर कांग्रेस भी श्रेय लेने में जुटी है। क्योंकि कांग्रेस की केंद्र सरकार में भी बिल लाया गया था। लेकिन पास नहीं हो पाया था। जिसे बीजेपी की केंद्र सरकार ने इसे लागू कराने में सफलता हासिल कर ली है।

  • यह फर्क पड़ेगा छत्तीसगढ़ में

  • छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 विधानसभा सीटें हैं। 33% आरक्षण मिलने के बाद महिलाओं के लिए इनमें से 30 सीटें आरक्षित हो सकती हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों को कम से कम 30 महिला प्रत्याशियों को टिकट देना जरूरी होगा। जिससे विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या बढ़ जाएगी।

राज्य बनने के बाद से अब तक महिला विधायकों की संख्या

छत्तीसगढ़ की पहली विधानसभा में 90 में से 6 सीटों पर महिला विधायक थीं। वहीं, दूसरी विधानसभा में भी 6 महिला विधायक जीत कर आई थीं। इसके बाद तीसरी विधानसभा में ये आंकड़ा दोगुना हो गया। इस दौरान 90 में से कुल 12 सीटों पर महिला विधायकों ने जीत हासिल की। चौथी विधानसभा की बात की जाए तो इस दौरान 90 में से 10 सीटों पर महिला विधायक जीतकर आईं। प्रदेश की पांचवी विधानसभा में 90 में से 16 सीटों पर महिला विधायक हैं। जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

इस बार चुनाव में महिला वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा

छत्तीसगढ़ में मतदाताओं की कुल संख्या 1.97 करोड़ है। इसमें पुरुष वोटर 98.2 लाख जबकि महिला मतदाता की संख्या 98.5 लाख है। दिव्यांग वोटर्स 1.47 लाख और थर्ड जेंडर मतदातों की संख्या 762 है। चुनाव आयोग के जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में इससे पहले हुए विधानसभा चुनावों में महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों के मुकाबले कम थी। लेकिन इस बार महिला वोटरों की संख्या पुरुषों से 30 हजार ज्यादा है। जिसका सीधा सा मतलब है कि इस बार विधानसभा चुनाव में महिलाएं किंगमेकर की भूमिका में हो सकती हैं।

यह भी पढ़ें : शिवराज सरकार ने नौजवानों का वर्तमान व भविष्य छीना : कमल नाथ