नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)। राज्यसभा (Rajya Sabha) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (Jammu and Kashmir reorganization) विधेयक-2023 और जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया। इसके साथ ही विधेयक पर संसद की मुहर लग गई। लोकसभा में दोनों विधेयक पहले ही पास कर हो चुके हैं।
इससे पहले सदन में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद मुक्त एक नए कश्मीर की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने ने कहा कि 2004 से 2014 में जब कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी तब कश्मीर में 7,217 आतंकवादी घटनाएं हुई थीं। उसके बाद 2023 तक 2,197 आतंकवादी घटनाएं हुई। आतंकवाद की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है।
गृह मंत्री ने कहा कि हमने केवल आतंकवाद ही नहीं बल्कि आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने वाले नेटवर्क पर भी प्रहार किया है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी एनआईए ने आतंकवाद को फाइनेंस करने वालों पर 32 केस दर्ज किए। वहीं स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने ऐसे ही 51 केस दर्ज किए हैं। इन मामलों में 229 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, 150 करोड़ की संपत्ति जब हुई है, 134 बैंक अकाउंट में 100 करोड़ रुपए से अधिक सीज किए गए हैं।
शाह ने कहा कि पहले आतंकवादियों के जनाजों में 25-25 हजार लोगों की भीड़ आती थी, लेकिन धारा 370 हटाने के बाद ऐसा दृश्य किसी ने नहीं देखा, क्योंकि हमने निर्णय लिया है कि जो भी आतंकवादी मारा जाएगा उसे वहीं उसके रीति रिवाज के अनुसार दफना दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने तय कर लिया है कि यदि पत्थर फेंकने का कोई मामला दर्ज है तो उस व्यक्ति के परिवार में किसी को नौकरी नहीं मिलेगी। जिसके परिवार के सदस्य पाकिस्तान में बैठकर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं उसके परिवार में किसी को नौकरी नहीं मिलेगी। यदि टेलीफोन रिकॉर्ड के आधार पर यह पाया जाता है कि किसी परिवार का व्यक्ति आतंकवाद को बढ़ावा देने में शामिल है तो ऐसे व्यक्ति के परिवार का सदस्य पहले से नौकरी मैं है तो उसे डिसमिस करने का सर्विस रूल बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि जेल के अंदर जैमर लगाकर सख्ती बरतने का काम किया गया है। धारा 370 हटाने से अलगाववाद की भावना समाप्त हो जाएगी। अलगाववाद की भावना समाप्त होने से आतंकवाद समाप्त हो जाएगा।