रायपुर में महापौर सीट का आरक्षण 27 दिसंबर को होगा: महिला, ओबीसी या ओबीसी महिला में से कोई एक विकल्प होगा
By : hashtagu, Last Updated : December 24, 2024 | 12:53 pm
इससे पहले, रायपुर समेत प्रदेश के कई नगर निगमों में महापौर की सीट अनारक्षित थी। हालांकि, इस बार तीन विकल्पों—सामान्य महिला, ओबीसी और ओबीसी महिला—में से किसी एक को आरक्षित किया जाएगा। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से दो विकल्प महिला सीटों के लिए हैं, जबकि एक पुरुष के लिए हो सकता है।
आरक्षण प्रक्रिया: रोटेशन के आधार पर
चुनाव से जुड़े जानकारों के मुताबिक, नगर निगमों का आरक्षण रोटेशन के आधार पर किया जाएगा। राज्य सरकार ने पहले ही वार्डों का परिसीमन कर लिया है, लेकिन नगरीय निकाय की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस कारण लॉटरी से आरक्षण का विकल्प नहीं होगा। पिछली दो बार रायपुर नगर निगम सीट अनारक्षित थी, लेकिन इस बार उसे फिर से अनारक्षित नहीं किया जाएगा।
वर्तमान में महापौर आरक्षण स्थिति
राज्य के 14 नगर निगमों में से कुछ निगमों में महापौर सीटें अनारक्षित हैं, जबकि कुछ ओबीसी, एससी, और एसटी के लिए आरक्षित हैं। यहां तक कि कई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
- अनारक्षित: रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, कोरबा, जगदलपुर, चिरमिरी
- ओबीसी: धमतरी, कोरबा, रिसाली, राजनांदगांव (ओबीसी महिला)
- एससी: भिलाई चरौदा (अनुसूचित जाति), रायगढ़ (अनुसूचित जाति महिला)
- एसटी: अंबिकापुर (अनुसूचित जनजाति)
आरक्षण प्रक्रिया का विश्लेषण
नगर निगमों में महापौर के लिए आरक्षण के लिए पहले सात अनारक्षित सीटों में से चार ओबीसी के लिए लॉटरी से निकाली जाएंगी। फिर, इन ओबीसी में से एक महिला ओबीसी के लिए लॉटरी से तय किया जाएगा। इस तरह से कुल सात सीटों में से आरक्षण की प्रक्रिया को रोटेशन के आधार पर पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, भिलाई-चरौदा और रायगढ़ सीटें एससी के लिए आरक्षित की जाएंगी, जहां रायगढ़ महिला एससी के लिए और भिलाई-चरौदा पुरुष एससी के लिए आरक्षित होगा।
चुनाव की तारीख पर भी सस्पेंस
राज्य के 10 नगर निगमों और पालिकाओं के चुनाव के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि 31 दिसंबर 2024 तक आचार संहिता की घोषणा की जा सकती है। यदि 31 दिसंबर तक आचार संहिता लागू हो जाती है, तो चुनाव जनवरी 2025 में होने की संभावना है। लेकिन यदि आचार संहिता घोषित नहीं होती है, तो चुनाव अप्रैल-मई तक खिसक सकते हैं।
यदि जनवरी तक आचार संहिता लागू होती है, तो चुनाव आयोग को नया मतदाता सूची तैयार करना पड़ेगा, जिसमें 18 साल के हो चुके युवाओं को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए दो-ढाई महीने का समय लग सकता है, जिससे चुनाव अप्रैल-मई के आसपास होने की संभावना बढ़ जाती है।
अंत में, छत्तीसगढ़ के नगर निगमों के चुनाव को लेकर आरक्षण और आचार संहिता की प्रक्रिया पर कई सवाल बने हुए हैं, और यह सभी प्रक्रियाएं आने वाले दिनों में और स्पष्ट होंगी।