नई दिल्ली, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के 24 उत्तरी परगना जिले का संदेशखाली (Sandeshkhali of 24 North Parganas district) लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। यहां की महिलाओं और स्थानीय लोगों के द्वारा लगातार प्रदर्शन जारी है। वहां की महिलाओं के द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि संदेशखाली में टीएमसी का दफ्तर ही शोषण का केंद्र था। टीएमसी नेता शाहजहां शेख के अलावा शिबू हजारा और उत्तम सरकार पर यहां प्रदर्शन कर रही महिलाएं यौन शोषण और साथ ही जमीन पर अवैध कब्जे का इल्जाम लगा रही हैं।
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) इस मामले में विपक्ष पर ही हमलावर हो गईं और कहा कि बंगाल में अराजकता फैलाने की कोशिश हो रही है, लेकिन हम अराजकता नहीं फैलने देंगे। यदि किसी व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार होता है, तो हमारी सरकार कार्रवाई करती है। ममता ने आगे कहा कि एक घटना घटी है, लेकिन घटना मनगढ़ंत है। ममता ने आगे केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहले उन्होंने अपने दोस्त ईडी को वहां भेजा, फिर ईडी के साथ बीजेपी की एंट्री हुई और फिर कुछ मीडिया भी घुस गई। वह वहां शांति की जगह अशांति फैला रहे हैं, वह सभी राई का पहाड़ बना रहे हैं।
ममता ने आगे कहा, “मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि जो भी आरोप हैं, उसके लिए मैं वहां अधिकारियों को भेजूंगी, वे सुनेंगे। यदि कोई शिकात देता है कि उनसे कुछ छीना गया है तो उसे वापस मिलेगा, क्योंकि जो मैं कहती हूं, वह करती हूं। ” उन्होंने आगे कहा कि चूंकि अभी तक किसी महिला ने शिकायत नहीं की है, इसलिए कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
मालवीय ने लिखा ,जाहिर है कि ममता बनर्जी शाहजहां शेख को बचाने की पूरी कोशिश कर रही हैं। उन्होंने विधानसभा के पटल पर झूठ बोला और अब पश्चिम बंगाल पुलिस ने खुद को उलझा लिया है। ममता को तुरंत जवाब देना चाहिए कि उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस को शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने का आदेश क्यों नहीं दिया? शेख के खिलाफ संदेशखाली की महिलाओं से बलात्कार और यातना की कई शिकायतों के अलावा ईडी और केंद्रीय बलों के अधिकारियों पर हमला करने का आपराधिक मामला दर्ज है?
मालवीय ने लिखा कि ममता बनर्जी को शर्म करनी चाहिए कि संदेशखाली की महिलाओं की दुर्दशा को स्वीकार करने से इंकार कर दिया। जो उसके, शाहजहां शेख और उसके अपराधियों के गिरोह के खिलाफ बोल रही हैं। संदेशखाली की महिलाएं कह रही हैं कि पुलिस ने 2011 से उनकी शिकायत नहीं ली है, जिस साल ममता बनर्जी सत्ता में आई थीं। जिन अधिकारियों के बारे में ममता बनर्जी बात कर रही हैं, वे पीड़ितों को डरा रहे हैं और उनसे यह साबित करने के लिए कागजात मांग रहे हैं कि उनके साथ बलात्कार हुआ है। साथ ही, जिन महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है, उनके सम्मान को वापस लाने का ममता का इरादा क्या है? यह आरोप लगाकर कि वे झूठ बोल रहे हैं? वह बच नहीं सकतीं।
ममता को लेकर मालवीय ने लिखा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के पटल पर भगोड़े शाहजहां शेख का उन्होंने बचाव किया, जिससे उन्हें क्लीन चिट मिल गई और राज्य की एजेंसियों भी उससे पीछे हट गईं। उसे पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है, यह एक खुला रहस्य है। उन्हें बंगाल में बलात्कार और क्रूरता झेल रहीं महिलाओं की परवाह नहीं है। वह भी तब तक, जब तक उन्हें वोट मिलता रहेगा। बंगाल को ममता बनर्जी से छुटकारा चाहिए। वह महिलाओं और राज्य के लिए भी अभिशाप है।