निकाय चुनाव से पहले जोगी परिवार की कांग्रेस में वापसी के संकेत, बागी नेताओं का माफीनामा तैयार
By : dineshakula, Last Updated : December 17, 2024 | 11:58 am
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से जब जोगी परिवार की वापसी पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसा कोई आधिकारिक आवेदन पार्टी को नहीं मिला है। लेकिन यदि आवेदन आता है तो इस पर आलाकमान और कमेटी फैसला लेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कई बागी नेता लगातार संपर्क में हैं। भाजपा में जाने के बाद उनकी हालत ऐसी हो गई है कि न घर के रहे न घाट के। कांग्रेस में वापसी की उनकी कोशिशें यही बताती हैं कि दूसरी पार्टियों में उन्हें वो सम्मान और जगह नहीं मिली जिसकी उन्हें उम्मीद थी।
इस बीच पार्टी ने बागियों की घर वापसी के लिए गंभीरता दिखाते हुए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की अगुवाई में 7 नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत भी शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि अमित जोगी और रेणु जोगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं और पार्टी में वापसी के लिए अपनी मंशा ज़ाहिर कर चुके हैं। रायपुर दक्षिण उपचुनाव से पहले ही दोनों नेताओं ने चरणदास महंत से मुलाकात की थी। उस समय भी यह चर्चा जोरों पर थी कि जोगी परिवार कांग्रेस की ओर लौटने का रास्ता तलाश रहा है।
पार्टी के लिए यह चुनावी समीकरण अहम हैं, क्योंकि सिर्फ जोगी परिवार ही नहीं, कई अन्य बागी नेता जिन्होंने पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, अब दोबारा वापसी चाहते हैं। हार के बाद इनमें से कई नेता प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेताओं तक अपील लेकर पहुंच चुके हैं। पार्टी ने बागियों की वापसी के लिए एक कमेटी बनाई है जो सभी आवेदनों की समीक्षा करेगी। जिन नेताओं को पार्टी ने निष्कासित किया था, उन्होंने भी माफी मांगते हुए वापसी का आवेदन दिया है।
हालांकि वापसी इतनी आसान नहीं है। कुछ बागी नेताओं ने खुले मंचों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी भी की थी। राजनांदगांव के पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेंद्र दाऊ इसका बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने ही मंच से आरोप लगाया था कि पार्टी के शासन के दौरान उन्हें सबसे ज्यादा प्रताड़ना झेलनी पड़ी और तब कार्यकर्ताओं की कोई पूछ नहीं थी। लेकिन चुनाव आते ही कार्यकर्ताओं की याद आ गई।
ऐसे नेताओं के बयानों ने उस वक्त पार्टी की साख को चोट पहुंचाई थी, लेकिन अब जब चुनाव करीब हैं, पार्टी उन्हें एक और मौका देने के मूड में दिख रही है। सभी आवेदनों पर विचार कर रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी को भेजी जाएगी और फिर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस की कोशिश यही है कि बागी नेताओं को वापस लाकर पार्टी की एकता को मजबूत किया जाए और निकाय चुनावों में पार्टी को मज़बूत बढ़त दिलाई जाए।