राम के ननिहाल की परम पावन धरा पर एक मात्र ‘महालक्ष्मी मंदिर’ जो पुष्पक विमान के रूप में…..
By : hashtagu, Last Updated : October 31, 2024 | 1:23 pm
हर गुरुवार को विशेष पूजा होती है
छत्तीसगढ़ में मार्गशीर्ष महीने के हर गुरुवार को देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है. हर गुरुवार को यहां देवी की विशेष पूजा होती है और दर्शन के लिए कई भक्त आते हैं. दिवाली के दिन जहां 252 सीढ़ी चढक़र हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. दीपावली के दिन मंदिर में पुजारी माता की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार कर विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं।
मां अष्टदल कमल पर विराजमान
प्राचीन मान्यता के मुताबिक महालक्ष्मी देवी की मंदिर का निर्माण शास्त्रों में बताए गए वास्तु के अनुसार कराया गया है. यह मंदिर पुष्पक विमान जैसे आकार का है. मंदिर के अंदर श्रीयंत्र भी बना है, जिसकी पूजा-अर्चना करने से धन-वैभव और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। लखनी देवी का स्वरूप अष्ट लक्ष्मी देवियों में से सौभाग्य लक्ष्मी का है. जो अष्टदल कमल पर विराजमान है। सौभाग्य लक्ष्मी की हमेशा पूजा-अर्चना से सौभाग्य प्राप्ति होती है, और मनोकामनाएं भी पूरी होती है।
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