अनूठा जनसंपर्क : ‘MLA विकास’ के कंधे पर प्रभु ‘श्रीराम-हनुमान’ की सवारी! गूंजा ‘चलत विमान कोलाहल होई’…VIDEO
By : madhukar dubey, Last Updated : November 5, 2023 | 9:45 pm
फिर क्या था, विकास उपाध्याय अपने कंधे पर प्रभु श्रीराम और हनुमान के बाल स्वरूप को लेकर चल पड़े। उनके पीछे हजारों की भीड़ में महिला और पुरुषों का रेला चल पड़ा। जय श्रीराम के जयघोष के साथ ‘विकास उपाध्याय’ हर घर की चौखट पर रुकते जा रहे थे, जहां प्रभु श्रीराम और श्रीहनुमान की आरती का सिलसिला चल पड़ा।
सहसा, इस विहंगम द्ष्य को देखकर लगा कि जैसे प्रभु श्रीराम जैसे लंका से विजय के बाद अयोध्या की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। वहीं उनके पीछे चल रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ अयोध्यावासी के रूप में नजर आ रहे थे। भले ही एक ‘राजनीतिक’ कार्यक्रम था, लेकिन किसी को यह अहसास नहीं हुआ। पूरा क्षेत्र राम की भक्ति में डूबा नजर आया। लोग, अपने घरों की छतों से पुष्पवर्षा कर रहे थे, लगा कि जैसे प्रभु श्रीराम का ‘देवतागण और अयोध्यावासी’ स्वागत और अभिनंदन कर रहे हैं। इस नजारे को देखकर लोग चौंक भी उठे। और इतना ही नहीं सभी विकास की प्रभुश्रीराम-हनुमान के प्रति अगाध श्रद्धा-भक्ति को देखकर मुरीद हो गए।
- लोग आश्चर्य में थे कि अपने कंधे पर बाल स्वरूप प्रभुश्रीराम-हनुमान को लेकर करीब वे 11 किलोमीटर की परिक्रमा की।
- लोग कहते भी देखते नजर आए कि विकास उपाध्याय भैया, आज चुनाव के समय ही नहीं, इसके पहले भी वे धार्मिक कार्यों में बढ़ -चढ़कर भाग लेते रहे हैं। सावन माह में कांवडि़ए महादेव घाट में हटकेश्वर महादेव को जलाभिषेक करने के लिए आते हैं तो वे दिनरात उनकी सेवा करते हैं। यानी देखा जाए तो विकास उपाध्याय ने चुनावी माहौल को पूरी तरह से एक धार्मिक माहौल में परिवर्तन कर दिया। जिसकी प्रशंसा करता हर कोई वहां दिखा।
जब ‘गंगा जमुनी तहजीब’ का भी नजारा दिखा
इतना ही नहीं विकास उपाध्याय के कंधे पर सजी प्रभु श्रीराम की झांकी का स्वागत मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी किया। साथ ही उन्होंने विकास उपाध्याय को अग्रिम चुनावी विजय की शुभकामनाएं भी देते दिखे।
‘विकास’ जैसा शायद ही कोई ‘विधायक’ किया हो, जो अपने आप में एक कीर्तिमान…
यह कहना भी गलत नहीं होगा, आज के भारतीय राजनीति के इतिहास में शायद ही कोई नेता या जनप्रतिनिधि अपने कंधे पर भगवान श्रीराम और श्रीहनुमान लला की झांकी को लेकर चला हो। इनके इस अनूठे जनसंपर्क के अंदाज को लेकर सोशल मीडिया में बहस भी छिड़ी हुई है। लोग कह रहे हैं, आज तक पूरे देश में कोई विधायक इस अंदाज में जनसंपर्क नहीं किया है। जो अपने आप में एक कीर्तिमान ही है।
विकास ने अपने ‘व्यवहार और धार्मिक सद्भाव और समभाव’ से सभी का जीता दिल
- ये तो सच है कि विकास उपाध्याय के मिलनसार व्यवहार की तारीफ सभी करते हैं। उनके धार्मिक भावना और सभी वर्गों के लिए सदैव आगे रहने के कारण सभी प्रशंसा करते दिखे। लोगों ने तो यहां तक कहा, हमलोग विकास के साथ हैं, कांग्रेस पार्टी को नहीं विकास की मेहनत का समर्थन करना है। एक और वाक्या उस समय दिखा, जब कई लोगों ने कहा, अब तो विकास के इस रूप को देखने के बाद किसी और को नहीं, ‘विकास’ को ही वोट देंगे। अगर इनकी सरकार ने इनको ‘पॉवर दिया’ होता तो रायपुर पश्चिम में और भी विकास कार्य हुए होते। कुल मिलाजुलाकर यह महसूस हुआ कि ‘विकास’ अपने प्रतिद्वंदी से काफी आगे चल रहे हैंं।
जहां से गुजरे उन क्षेत्रों में चर्चा-ए-आम! पार्टी से ऊपर ‘विकास’ भाई…
जहां से भी विकास उपाध्याय अपने कंधे पर प्रभु श्रीराम और श्री हुनमान की झांकी लेकर गुजरे तो लोगों के दिलो दिमाग में विकास उपाध्याय छा गए। फिर क्या था, उनके विजय रूपी जुलूस की चर्चा करते हुए लोग दिखे। चाय-पान की दुकानों और नुक्कड़ों पर सभी विकास की तारीफ कर रहे थे। विकास उपाध्याय एक ऐसा चेहरा है कि हर समय लोगों के बीच मौजूद रहते हैं। जब भी वे किसी से मिलते हैं तो बड़ी ही जिंदादिली के साथ। उनके लिए न कोई छोटा-और न कोई बड़ा। सभी को एक समान मान-सम्मान देने में वे नहीं चूकते हैं। अपने क्षेत्र की कालोनियों में छोटी-बड़ी समस्या के लिए वे हमेशा तत्पर रहते हैं। इसके बाद एनआईटी की चौपाटी पर कुछ चर्चा कर रहे थे, भाई विकास को कांग्रेस सरकार में ज्यादा पॉवर नहीं दिया गया था। अगर दिया गया होता तो रायपुर पश्चिम ही नहीं पूरे रायपुर की तस्वीर कुछ और ही होती।
बीजेपी के दिग्गज ‘राजेश मूणत’ को पिछले विधानसभा में दी थी पटखनी
विकास उपाध्याय के राजनीति की शुरूआत युवा अवस्था से ही हो गई थी। वे शुरू से ही जुझारू और जनता के बीच संघर्ष करने वाले रहे हैं। कांग्रेस के युवा नेता विकास उपाध्याय साल 2018 के विधानसभा चुनाव में लगातार इस क्षेत्र से 15 वर्षों तक बीजेपी सरकार में कद्दावर मंत्री रहे राजेश मूणत को पटखनी देकर विधानसभा में पहुंचे। ऐसे में यह माना जा रहा था कि विकास उपाध्याय को कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिलेगा। लेकिन सियासी दांवपेंच में ऐसा नहीं हो पाया। इस वजह से लोगों में नाराजगी थी कि इतनी बड़ी सफलता के बावजूद उन्हें क्यों मंत्री नहीं बनाया गया। इसके बावजूद विकास जैसे अपने विधायकी से पूर्व काम और संघर्ष कर रहे थे। उसी अंदाज में अपने पूरे कार्यकाल में रायपुर पश्चिम में सक्रिय थे। यही वजह है कि आज वे एक बार फिर ‘विजय के पथ’ पर अग्रसर हैं।
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