छत्तीसगढ़। वैसे अपने संघर्ष के दिनों में ही डिप्टी सीएम विजय शर्मा (Deputy CM Vijay Sharma) अपना स्थान छत्तीसगढ़ की राजनीति में बना चुके थे। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर बीजेपी ने बड़े-बड़े आंदोलन की नींव रखी। वह समय था, कांग्रेस के शासन काल का। जब वे कांग्रेस सरकार (Congress government) के कामकाज पर अपनी नजरें गढ़ाए हुए थे। जहां वे हर मुद्दे पर कांग्रेस को जनता के बीच घेरने का काम किया। आखिरकार उन्हाेंने प्रदेश की राजनीति में अपनी चुनावी जंग के लिए कवर्धा विधानसभा की जमीन चुनी। जहां कांग्रेस के कद्दवार नेता मोहम्मद अकबर के किले को ढहा दिया। उनके व्यवहार और सरलता के अपनी शालीनता से जनता का दिल जीत लिया। अंत में उन्हें प्रचंड जीत हासिल हुई। जब वे अब डिप्टी सीएम जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन हैं तो ऐसे में उन्होंने इस पद को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भूपेश सरकार पर उस समय बड़ा हमला बोला था। जब पीएम आवास शासन ने बंद कर दिया था। यानी 18 लाख हितग्राही की किश्तों को रोक दिया गया। वहीं कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने पीएम आवास नहीं बनने के सवाल पर इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद विजय शर्मा ही थे, जिन्होंने जनता की नब्ज को पकड़ा और पीएम आवास के लिए आंदोलन की रूपरेखा खींची। उसके वे संयोजक भी बनाए गए। इस तरह पूरे प्रदेश में एक माहौल बना। बाद में बीजेपी ने पीएम आवास के मुद्दे को जनघोषणा पत्र में शामिल किया। इसके बाद चुनावी नतीजे आज सबके सामने हैं। बीजेपी की सरकार बनते ही सबसे बीजेपी ने पीएम आवास के लिए किश्त जारी की। इसके आलवा और मुद्दे थे जिसमें डिप्टी सीएम विजय शर्मा की बड़ी भूमिका थी। यही वजह भी है उन्हें गृह विभाग सहित अन्य विभाग दिए गए हैं।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का अपनी सरकार के साथ बस एक लक्ष्य है, मोदी की सभी गारंटियों को पूरा करना। इसके लिए वे दिन रात अपने मिशन में जुट गए हैं। इसके साथ ही इन गारंटियों को पूरा करने के क्रियान्वयन के लिए अपने अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। वे अपने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप जनता की सेवा में जुट गए हैं। वहीं अब उनका एक लक्ष्य है कि बीजेपी को छत्तीसगढ़ की सभी 11 की 11 सीटें जीतना है।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं की पंक्तियों से अपने चुनाव प्रचार में भाषण में शामिल करते थे। उनके भाषण की शैली ने भी पूरे प्रदेश को प्रभावित किया। जहां वे वीर रस के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं और जनता में जोश भर देते थे। एक पंक्ति से कार्यकर्ताओं में जोश और ऊर्जा का संचार कर देता था। यही वजह भी थी, कवर्धा की धरती पर उन्होंने हिंदुत्व की छवि को पुष्ट किया और कांग्रेस के तिलस्म को तोड़ दिया।
माटी मोर महतारी pic.twitter.com/So0V0n1Udg
— Vijay sharma (@vijaysharmacg) December 30, 2023
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