रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) में भाजपा विधायक लता उसेंडी ने कोंडागांव में हुए सोलर लाइट घोटाले (Solar light scam) को लेकर आदिवासी विकास मंत्री रामविचार नेताम से पूछा कि इसकी कोई शिकायत हुई है क्या। लता उसेंडी के प्वाइंटेड के प्रश्न पर मंत्री नेताम ने कहा कि कोई शिकायत नहीं हुई है। इस पर लता उसेंडी ने हुए खुद ही बताया कि पांच शिकायतें हुई है। आरटीआई में यह जानकारी उन्होंने निकाली है। क्या आप विधायकों की समिति से जांच करवाएंगे क्या। इस पर मंत्री ने विधायकों की समिति से जांच का ऐलान कर दिया।
100 करोड़ से अधिक का घोटाला
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना में करोड़ों की सोलर स्ट्रीट लाईट खरीदी में पूरे प्रदेश में बड़ी गड़बड़ियां हुई है। बताते हैं, सोलर लाइट सप्लाई और उसकी क्वालिटी को लेकर सभी जगहों से शिकायतें आ रही है। कोंडागांव में आरईएस के ईई को जांच में दोषी पाया गया मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विधानसभा में आज कोंडागांव की विधायक लता उसेंडी ने विधानसभा के प्रश्नकाल में इस सवाल को उठाया।
आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत हुआ घोटाला
प्रश्नकाल में लता उसेंडी ने सवाल पूछा कि क्या आदिम जाति विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि :- (क) कोण्डागांव जिले में प्रधानमंत्री आदि आर्दश ग्राम योजना व अन्य योजनांतर्गत जनपद एवं ग्राम पंचायतों में वर्ष 2021-22 से जून, 2024 तक कुल कितने सोलर लाईट हेतु क्रय आदेश किसके द्वारा, किसको, कितनी राशि के, किस दर पर एवं कब दिये गए हैं तथा इन्हें कब तक लगाया जाना था, कब लगाया गया तथा गुणवत्ता की जांच कब व किसके द्वारा की गई? इस हेतु कितना भुगतान, किसको कब एवं किसके द्वारा किया गया व कितना भुगतान शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों हेतु कब, किसके द्वारा व क्या शिकायत की गई ? उसकी जांच कब व किसके द्वारा की गई तथा जांच के प्रमुख निष्कर्ष क्या थें तथा दोषी कौन पाया गया एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या यह सही है कि इस संबंध में विभागीय जांच भी की गई और इसमें तत्कालीन अधिकारी दोषी पाए गए? यदि हाँ तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या यह सही है कि उक्त अवधि में जैम पोर्टल से क्रय प्रतिबंधित होने के बाद भी जैम पोर्टल से खरीदी की गई? यदि हॉ तो कब व कितनी राशि की खरीदी जैम पोर्टल से किसके द्वारा की गई व दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
इस सवाल के जवाब में आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि (क) कोण्डागांव जिले में प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत सोलर लाईट का क्रय नहीं किया गया है। अन्य योजनाओं के अंतर्गत जनपद व ग्राम पंचायतों में वर्ष 2021-22 से जून 2024 तक क्रय की गई सोलर लाईट के क्रय आदेश, राशि, दर, स्थापित किये जाने का दिनांक, गुणवत्ता की जांच, राशि का भुगतान, भुगतान प्राप्तकर्ता तथा भुगतान हेतु शेष राशि आदि का विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश “क“ अनुसार कार्यों के संबंध में की गई शिकायत, उसकी जांच, जांचकर्ता अधिकारी, जांच के प्रमुख निष्कर्ष तथा दोषी पाये जाने की स्थिति में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) यह सही नहीं है कि इस संबंध में विभागीय जांच भी की गई और इसमें तत्कालीन अधिकारी दोषी पाए गए बल्कि सही यह है कि प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत स्वीकृत स्ट्रीट लाईट की स्थापना संबंधी कार्यों के क्रियान्वयन की प्रारम्भिक जांच में तत्कालीन प्रभारी परियोजना प्रशासक संकल्प साहू शासन निर्देशों का पालन किया जाना न पाए जाने के कारण निलंबित किया जाकर आरोप पत्र जारी किया गया है। विभागीय जांच संस्थित नहीं की गई है। यह कहना भी सही नहीं है कि उक्त अवधि में जेम पोर्टल से क्रय प्रतिबंधित होने के बाद भी जेम पोर्टल से खरीदी की गई। बल्कि सही यह है कि भारत सरकार के निर्देशानुसार जेम पोर्टल से सामग्री की खरीदी प्रतिबंधित नहीं है। इस स्तर से राज्य स्तरीय समिति गठित की जाकर जांच की कार्यवाही की जा रही है।
विपक्ष पर साधा निशाना
इस मौके पर लता उसेंडी ने विपक्ष में बैठे कांग्रेस विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि सोलर लाइट में गड़बड़ी का श्रेय विपक्ष को जाता है। तब अधिकारियों ने मर्जी से एजेंसी से तय कर दिया। सक्षम एजेंसी की बजाय अपात्र फर्मों को काम दे दिया गया। इसके बाद मंत्री रामविचार नेताम ने भी विपक्ष की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि आप लोग कर के गए, हम लोग भर रहे हैं। पिछली सरकार के समय नियमों को ताक पर रखकर काम किया गया है।
पूरे प्रदेश में होगी जांच
रामविचार ने बताया कि विधायक लता उसेंडी ने कोंडागांव में हुए सोलर लाइट में घोटाले का मामला उठाया है, मगर वे विधान सभा की समिति से जांच का दायरा बढ़ाते हुए पूरे प्रदेश में जांच की घोषणा करते हैं। बता दें कि प्रदेश में सोलर लाइट को लेकर लगभग सौ करोड़ का घोटाला हुआ है और अधिकारियों ने मनमाने तरीके से एजेंसी तय करके जमकर गड़बड़ियां की हैं। बहरहाल यह देखना होगा कि सदन की समिति से जांच के क्या परिणाम सामने आते हैं और अधिकारियों पर क्या जिम्मेदारी तय होती है।
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