PSC की ‘जांच CBI’ से कराने की मांग पर ‘अड़े’ युवा! डिप्टी CM विजय शर्मा से मिले

विधासभा चुनाव से जहां युवाओं ने पीएससी भर्ती के घोटाले (Psc recruitment scams) को लेकर मुखर रही। वहीं बीजेपी के नेता भी इस मुद्दे को लेकर....

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  • Updated On - December 27, 2023 / 11:10 PM IST

रायपुर। विधासभा चुनाव से जहां युवाओं ने पीएससी भर्ती के घोटाले (Psc recruitment scams) को लेकर मुखर रही। वहीं बीजेपी के नेता भी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेरने का काम किया था। ऐसे में जब बीजेपी की अब सरकार बन चुकी है तो युवाओं में आस जगी है कि पीएससी परीक्षा की प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराई जाए। इसके लिए आज युवाओं का एक प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा (Deputy Chief Minister Vijay Sharma) से मिले। जहां उन्होंने इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की। इसके अलावा लोकसेवा आयोग में सुधार के लिए आयोग गठित करने की मांग की।

  • रविकांत साहू, गौरव शर्मा सहित अन्य युवाओं ने उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात के दौरान सौंपे ज्ञापन में कहा कि विगत कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग अपनी गड़बड़ियों को लेकर लगातार सवालों के घेरे में है. इन गड़बड़ियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों ने रोड से लेकर कोर्ट तक लड़ाई लड़ी है, परंतु पिछली सरकारों से संरक्षण के कारण इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया गया।

युवाओं ने बीते पांच सालों के दौरान सीजीपीएससी की सभी भर्तियों की तत्काल सीबीआई जांच की मांग की। इसके साथ छत्तीसगढ़ में व्यापम, आत्मानंद स्कूल, विभिन्न राजकीय विश्वविद्यालय, जिला स्तरीय और विभाग स्तरीय भर्तियों में बड़ी मात्रा में घोटाला और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए इनके निष्पक्ष जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करते हुए सभी गड़बड़ियों की 3 महीने में जांच कर निर्णय लेने का आग्रह किया।

  • इसके अलावा युवाओं ने सभी भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी करने के साथ विभाग स्तरीय या जिला स्तरीय भर्तियों को समाप्त कर CGPSC या VYAPAM के माध्यम से परीक्षाएं आयोजित करने का आग्रह किया. इसके अलावा CGPSC 2020, 2021 और 2022 की चयन सूची को तत्काल निरस्त कर पुनः उत्तर पुस्तिकाओं को जांच करने का निर्देश आयोग को देने की मांग की।

यही नहीं छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों विशेषकर आयोग के सचिव और परीक्षा नियंत्रक को तत्काल निलंबित कर सभी जिम्मेदार अधिकारियों, जिसमें पूर्व आयोग अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी भी शामिल हैं, के खिलाफ क्रिमिनल मामले के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

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