कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर, टोरंटो में की आध्यात्मिक यात्रा

By : hashtagu, Last Updated : April 8, 2025 | 1:02 pm

टोरंटो, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। कनाडा के प्रधानमंत्री (Canadian Prime Minister) मार्क कार्नी ने श्रीराम जन्मोत्सव एवं श्री स्वामीनारायण जयंती के पावन पर्व पर बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर, टोरंटो का दिव्य और भक्ति-भावनाओं से परिपूर्ण दर्शन किया। यह शुभ अवसर भगवान श्रीराम और भगवान श्री स्वामीनारायण की पवित्र जयंती का संयुक्त उत्सव था।

प्रधानमंत्री का स्वागत वैदिक परंपरा के अनुसार नाड़ा-छड़ी (पवित्र सूत्र) बांधकर तथा पुष्पमालाओं से किया गया। वरिष्ठ बीएपीएस संतों ने उन्हें मंदिर की आध्यात्मिक गरिमा से परिचित कराया। प्रधानमंत्री ने नीलकंठवर्णी महाराज का अभिषेक कर देश-विदेश में शांति, सद्भावना और समृद्धि की मंगलकामना की।

मंदिर की भव्यता, कलात्मक पत्थर की नक्काशी और आध्यात्मिक वातावरण से प्रधानमंत्री अभिभूत हो गए। उन्होंने श्रद्धा से आरती में भाग लिया और श्रीहरि को फूल व फल अर्पित किए।

इस दिव्य यात्रा की विशेष झलक तब देखने को मिली जब उन्हें परम पूज्य महंत स्वामी महाराज द्वारा रचित ‘सत्संग दीक्षा’ ग्रंथ की बहुभाषी विशेष प्रति भेंट की गई।

भारत से भेजे गए पूज्य महंत स्वामी महाराज के आशीर्वाद-पत्र को प्रधानमंत्री की उपस्थिति में पढ़ा गया। इस संदेश में स्वामी श्री ने प्रधानमंत्री के सत्प्रेरणादायक नेतृत्व, कनाडा की समृद्धि एवं संपूर्ण मानवता के कल्याण हेतु मंगलकामनाएं व्यक्त कीं।

इस अवसर पर भाव-विभोर होकर प्रधानमंत्री ने अतिथि-पुस्तिका में लिखा:

“आपकी प्रार्थनाओं और प्रेमपूर्ण सत्कार के प्रति मैं अपनी गहन कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। मैं पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता से यह संकल्प करता हूँ कि कनाडा, भारत और समस्त विश्व में शांति, एकता, सौहार्द और समृद्धि को प्रोत्साहित करता रहूंगा।”

प्रधानमंत्री कार्नी ने बीएपीएस मंदिर के सामाजिक योगदानों की भूरि-भूरि प्रशंसा की, जिसमें समाज सेवा, अंतरधार्मिक सद्भाव, सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण तथा युवा पीढ़ी के निर्माण में मंदिर की प्रेरणादायी भूमिका शामिल है। उन्होंने मंदिर को कनाडा की राष्ट्रीय एकता, स्वयंसेवा और शांति का प्रकाशस्तंभ बताया।

प्रस्थान से पूर्व प्रधानमंत्री ने समुदाय के सदस्यों एवं हिंदू नेताओं से आत्मीय संवाद किया और विविधता, समावेशिता एवं सांस्कृतिक एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दृढ़तापूर्वक दोहराया।