Brazil: बोल्सनारो के समर्थकों ने ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट, संसद व राष्ट्रपति भवन पर बोला धावा

By : dineshakula, Last Updated : January 9, 2023 | 10:34 am

ब्राजीलिया, 9 जनवरी (आईएएनएस)| ब्राजील (Brazil) के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो (Bolsonaro) के समर्थकों ने देश के सर्वोच्च न्यायालय, संसद (Parliament) और राष्ट्रपति भवन (Presidential House) पर धावा बोल दिया है। वे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा का विरोध कर रहे हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ब्राजील के झंडे के रंग पीले और हरे रंग की कमीज पहने प्रदर्शनकारियों ने रविवार को राजधानी ब्राजीलिया की इमारतों में तोड़फोड़ की। जनवरी 2003 से दिसंबर 2010 के बीच राष्ट्रपति रहे लूला ने 31 अक्टूबर, 2022 को हुए चुनाव में बोल्सनारो को हरा दिया था। उनके शपथ ग्रहण के एक सप्ताह बाद दंगा भड़क उठा।

राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन को घेर लिया तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

न्याय मंत्री फ्लेवियो डिनो ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक कम से कम 200 दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है और सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने में कामयाब होने के बाद कांग्रेस, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन के आसपास की स्थिति नियंत्रण में है।

बीबीसी ने डिनो के हवाले से कहा, यह आतंकवाद है, यह एक तख्तापलट है। हम निश्चित हैं कि आबादी का विशाल बहुमत नहीं चाहता कि यह अंधेरा लागू हो।

उन्होंने इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया, जिसकी कमान बोसोलनारो के सहयोगी ने संभाली थी।

डिनों ने कहा, मैं विश्वास करना चाहता हूं कि गवर्नर उन लोगों के संबंध में जिम्मेदारियों का निर्धारण करेंगे जिन्होंने अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा नहीं किया।

इस बीच कैबिनेट मंत्रियों ने दावा किया है कि दंगाइयों ने राष्ट्रपति भवन से हथियार उठाए थे।

संचार के मुख्यमंत्री पाउलो पिमेंटा ने एक ट्वीट में कहा, हम संस्थागत सुरक्षा कार्यालय के कमरे में हैं। इनमें से प्रत्येक ब्रीफकेस में घातक और गैर-घातक दोनों तरह के हथियार थे। वे अपराधियों द्वारा चुरा लिए गए।

रविवार की देर रात बोल्सनारो, जो दिसंबर 2022 के अंत से फ्लोरिडा में रह रहे हैं, ने ट्विटर पर कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा हैं।

एक बयान में राष्ट्रपति लूला ने इस कार्रवाई को कट्टरपंथी फासीवादी करार दिया। इसके पहले लूला ने व्यवस्था बहाल करने के लिए राष्ट्रीय गार्ड को राजधानी में भेजने के लिए आपातकालीन शक्तियों की घोषणा की थी।

राष्ट्रपति ने सुरक्षा बलों को भी निशाने पर लिया। उन्होंने उन पर अक्षमता का आरोप लगाया।

लूला ने कहा कि हम यह पता लगाने जा रहे हैं कि इन उत्पातियों के पीछे कौन था।

विश्व नेताओं ने भी हिंसा की निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक ट्वीट में कहा, मैं लोकतंत्र पर हमले की निंदा करता हूं।

उन्होंने कहा, ब्राजील के लोकतांत्रिक संस्थानों को हमारा पूरा समर्थन है और ब्राजील के लोगों की इच्छा को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। मैं लूला के साथ काम करना जारी रखने के लिए उत्सुक हूं।

जबकि मैक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने कहा कि लूला अकेले नहीं हैं, उन्हें अपने देश, मेक्सिको, अमेरिकी महाद्वीप और दुनिया की प्रगतिशील ताकतों का समर्थन प्राप्त है, चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने इस घटना को लोकतंत्र पर कायराना और घिनौना हमला बताया।

वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने दंगाइयों को नवफासीवादी समूहों के रूप में वर्णित किया।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने लूला के लिए अपना समर्थन ट्वीट करते हुए कहा, ब्राजील के लोगों और लोकतांत्रिक संस्थानों की इच्छा का सम्मान किया जाना चाहिए।

यूरोपीय संघ के शीर्ष विदेशी मामलों के अधिकारी जोसेप बोरेल ने कहा कि वह हिंसक चरमपंथियों द्वारा हिंसा के कृत्यों और ब्रासीलिया के सरकारी क्वार्टर पर अवैध कब्जे से चकित हैं, उन्होंने लूला को अपना समर्थन दिया।

ब्राजीलिया में सरकारी भवनों पर धावा बोलने वालों ने राष्ट्रपति चुनाव में लूला की जीत को स्वीकार से इनकार कर दिया है।