डॉक्टरों को मिल सकती है $100,000 H-1B वीज़ा फीस से छूट: ट्रंप प्रशासन का संकेत
By : dineshakula, Last Updated : September 23, 2025 | 11:44 am
वाशिंगटन, अमेरिका: अमेरिका में H-1B वीजा के लिए लागू की गई भारी भरकम $100,000 की नई आवेदन फीस से डॉक्टरों को छूट दी जा सकती है। ट्रंप प्रशासन की ओर से व्हाइट हाउस के प्रवक्ता टेलर रॉजर्स ने ब्लूमबर्ग न्यूज को बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश में संभावित छूट की व्यवस्था है, जिसमें चिकित्सकों और मेडिकल रेजिडेंट्स को शामिल किया जा सकता है।
यह स्पष्टीकरण तब सामने आया जब अमेरिका की कई बड़ी मेडिकल संस्थाओं ने ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की कमी को लेकर चिंता जताई। इन संस्थानों का कहना है कि भारी वीज़ा फीस की वजह से अंतरराष्ट्रीय मेडिकल ग्रेजुएट्स की आमद पर असर पड़ सकता है, जिससे देश के हेल्थकेयर सिस्टम को नुकसान हो सकता है।
नया नियम रविवार सुबह 12:01 ईस्टर्न टाइम से लागू हो चुका है। व्हाइट हाउस के मुताबिक, यह $100,000 फीस केवल नए H-1B वीजा आवेदनों पर लागू होगी और मौजूदा वीजा धारकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही, जिन विदेशी कर्मचारियों के पास पहले से H-1B वीजा है और वे विदेश यात्रा से लौट रहे हैं, उन्हें दोबारा एंट्री के लिए यह फीस नहीं चुकानी पड़ेगी।
ट्रंप द्वारा जारी कार्यकारी आदेश में यह प्रावधान है कि यदि अमेरिका के गृह सुरक्षा सचिव यह तय करते हैं कि किसी व्यक्ति को नियुक्त करना या किसी खास कंपनी या उद्योग के लिए काम करना “राष्ट्रीय हित” में है, तो उन्हें यह फीस देने से छूट मिल सकती है।
H-1B वीजा उन विदेशी पेशेवरों के लिए होता है जिनके पास विशेष स्किल होती है और वे कम से कम स्नातक डिग्री धारक होते हैं। यह वीजा आमतौर पर तीन साल के लिए दिया जाता है और इसे तीन साल और बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में अमेरिका में करीब 7 लाख H-1B वीजा धारक और लगभग 5 लाख उनके डिपेंडेंट्स हैं।
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, 2012 से अब तक जारी किए गए H-1B वीजा में से कम से कम 60% कंप्यूटर से जुड़े प्रोफेशनल्स को मिले हैं। लेकिन कई अस्पताल, बैंक, विश्वविद्यालय और अन्य संस्थाएं भी इस वीजा के लिए आवेदन करती हैं। हर साल 65,000 नए H-1B वीजा दिए जाते हैं, साथ ही 20,000 अतिरिक्त वीजा मास्टर डिग्री या उससे अधिक शिक्षा स्तर वालों के लिए होते हैं। कुछ नियोक्ता, जैसे विश्वविद्यालय और गैर-लाभकारी संस्थाएं, इस सीमा से बाहर होते हैं।
ट्रंप प्रशासन का यह कदम जहां एक ओर अमेरिकी वर्कफोर्स को प्राथमिकता देने की नीति के अनुरूप है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में संभावित संकट को देखते हुए डॉक्टरों को राहत देने की बात पर विचार किया जा रहा है।


