न्यूयॉर्क, 7 अप्रैल (आईएएनएस)| ठगी के मामले में एक भारतीय नागरिक (an Indian citizen) को 33 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है और उसे पीड़ितों को 2.4 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। पिछले साल अगस्त में नेवार्क संघीय अदालत में जिला न्यायाधीश केविन मैकनेकल (Kevin McNulty) के समक्ष दायर मामले में आरोपी आशीष बजाज को दोषी ठहराया गया।
मामले में पेश दस्तावेजों और बयानों के अनुसार, अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 तक, बजाज और उसके सहयोगियों ने विभिन्न बैंकों, ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और ऑनलाइन भुगतान कंपनियों के धोखाधड़ी रोकथाम विशेषज्ञों का प्रतिरूपण करके बुजुर्ग पीड़ितों को शिकार बनाया।
उन्होंने बुजुर्गो से संपर्क किया और दावा किया कि वे प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा नियोजित धोखाधड़ी रोकथाम विशेषज्ञ हैं और बैंकों, ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं, या ऑनलाइन भुगतान कंपनियों के उनके खातों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए काम कर रहे हैं।
बजाज और उसके उसके सहयोगियों ने बुजुर्गो को बताया कि उनके धोखाधड़ी रोकथाम प्रयासों के लिए अपराधियों को पकड़ने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन में उनकी सहायता की आवश्यकता है।
बजाज और उसके सहयोगियों ने बुजुर्ग पीड़ितों को अपने बैंक खातों से पूर्व द्वारा नियंत्रित खातों में पैसे भेजने के लिए कहा और कथित स्टिंग ऑपरेशन के कुछ दिनों के भीतर अपने पैसे वापस करने का झूठा वादा किया।
बुजुर्गो से यह भी झूठा वादा किया गया था कि एक बार जब वे पैसे भेज देंगे, तो स्टिंग ऑपरेशन के परिणामस्वरूप अपराधियों की गिरफ्तारी होगी।
उनके झांसे में आकर लोगों ने भारत, चीन, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात में स्थित विभिन्न बैंकों को अंतर्राष्ट्रीय वायर ट्रांसफर भेजे।
लोगों ने अमेरिका में बजाज के बैंक खातों में भी ऑनलाइन पैसे भेजे।
पीड़ितों ने बजाज को कैश और चेक बजाज कैलिफोर्निया के एक पते पर भेजे। इस योजना के परिणामस्वरूप 250,000 डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ।