सूडान के युद्धरत गुटों ने सऊदी अरब में शांति वार्ता फिर से की शुरू

शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, 15 अप्रैल से एसएएफ और आरएसएफ के बीच राजधानी खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में घातक झड़प हो रही है।

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  • Publish Date - October 26, 2023 / 01:10 PM IST

खार्तूम, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। सूडान में जारी हिंसा के बीच प्रतिद्वंद्वी गुटों सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) ने घोषणा की कि उनके प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब (Saudi Arabia) के बंदरगाह शहर जेद्दा में फिर से शांति वार्ता शुरू करने के लिए पहुंचे हैं।

शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, 15 अप्रैल से एसएएफ और आरएसएफ के बीच राजधानी खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में घातक झड़प हो रही है। इसके परिणामस्वरूप कम से कम 3,000 लोग मारे गए और 6,000 से अधिक घायल हुए हैं।

युद्धरत पक्षों के बीच मतभेदों के कारण जुलाई में जेद्दा शांति वार्ता निलंबित कर दी गई थी।

लेकिन बुधवार को एक बयान में, सशस्त्र बलों ने कहा, “एसएएफ के विश्वास के आधार पर की बातचीत एक ऐसा साधन है, जो युद्ध को समाप्त कर सकता है, हमने पहले जो सहमति व्यक्त की थी, उसे पूरा करने के लिए जेद्दा जाने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया।”

इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि बातचीत फिर से शुरू होने का मतलब आरएसएफ के खिलाफ सशस्त्र टकराव की समाप्ति नहीं है।

अपनी ओर से, अर्धसैनिक बल ने बुधवार को एक बयान में कहा कि “बातचीत फिर से शुरू करने के लिए सऊदी अरब और अमेरिका के निमंत्रण के जवाब में, हमारा वार्ता प्रतिनिधिमंडल आज जेद्दा पहुंचा।”

बयान में कहा गया, “हमें उम्मीद है कि दूसरा पक्ष विश्वसनीयता, यथार्थवाद और ऐसे समाधान तक पहुंचने की इच्छाशक्ति दिखाएगा, जिससे युद्ध रुकेगा और हमारे लोगों की पीड़ा समाप्त होगी।”

आरएसएफ ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने और नई नींव पर सूडानी राज्य के निर्माण और एक पेशेवर राष्ट्रीय सेना के पुनर्निर्माण में लोगों की आकांक्षाओं को प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की।

6 मई से, सऊदी अरब और अमेरिका ने जेद्दा में सूडानी युद्धरत दलों के बीच बातचीत की मध्यस्थता की है।

तब से कई बार युद्धविराम पर सहमति बनी है और उसका उल्लंघन किया गया है, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर इसका उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन के अनुसार, लंबे संघर्ष के कारण सूडान के अंदर और बाहर लगभग 5.8 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं।