Assembly: मानसून सत्र में जनता नहीं, ठेके और खरीदी रहे विधायकों की प्राथमिकता

By : dineshakula, Last Updated : July 21, 2025 | 9:40 am

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) के मानसून सत्र में सवालों का एक अलग ही रुझान देखने को मिला। विधायक जनता की समस्याओं से ज्यादा ठेकेदारों और विभागीय खरीदी को लेकर सक्रिय नजर आए।

सत्र 14 से 18 जुलाई तक चला। इन 5 बैठकों में कुल 996 सवाल लगाए गए। लेकिन सदन में चर्चा केवल 28 सवालों तक ही सीमित रही। बाकी प्रश्नों पर चर्चा नहीं हो पाई।

इस दौरान 32 विधायकों ने ऐसे 38 सवाल पूछे जो सीधे तौर पर ठेके, निर्माण कार्य और विभागीय खरीदी से जुड़े थे। सवालों में सड़क और भवन निर्माण में देरी, भुगतान में विलंब, ठेके में गड़बड़ी, ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग जैसे विषय शामिल थे।

996 सवालों में से अधिकांश निर्माण, भुगतान और खरीद पर

इसके साथ ही अवैध रेत खनन, परिवहन और डीएमएफ फंड से की गई खरीदी पर भी सवाल उठे। इनमें से ज़्यादातर सवाल कांग्रेस विधायकों द्वारा पूछे गए। कुछ ने तो एक जैसे कई सवाल भी दर्ज कराए।

एक और दिलचस्प तथ्य यह रहा कि प्रदेश के 9 विधायकों ने खरीफ धान उत्पादन और फसल कटाई प्रयोग को लेकर एक जैसे सवाल पूछे। इनमें यशोदा निलाम्बर वर्मा, विक्रम मंडावी, शेषराज हरबंस, कुंवर सिंह निषाद, राघवेंद्र कुमार सिंह, इंद्र साव, व्यास कश्यप, उत्तरी गनपत जांगड़े और संगीता सिन्हा शामिल हैं।

इन सवालों ने साफ कर दिया कि इस बार का मानसून सत्र मुख्य रूप से विकास योजनाओं की गुणवत्ता नहीं, बल्कि ठेके और खरीदी की प्रक्रिया पर केंद्रित रहा।