कोल ब्लॉक विवाद में घिरे भूपेश बघेल, मंत्री कश्यप बोले– खुद लिखे थे समर्थन पत्र
By : hashtagu, Last Updated : July 20, 2025 | 10:06 pm
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति इस समय गरम है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेटे की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस आक्रामक है। लेकिन अब राज्य सरकार भी जवाबी मोड में आ गई है।
रविवार को मंत्री केदार कश्यप ने प्रेस के सामने दस्तावेज लहराए। उन्होंने कहा कि कोयला आवंटन पर भूपेश बघेल का विरोध महज दिखावा है।
उन्होंने खुलासा किया कि सीएम रहते खुद भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक्स के लिए कई चिट्ठियां लिखी थीं। कांग्रेस अब उसी का विरोध कर रही है, जो उसने खुद मंजूर किया था।
मंत्री कश्यप ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा—“चोरी भी कर रहे हैं और सीनाजोरी भी दिखा रहे हैं। पूरे शासनकाल में कांग्रेस ने प्रदेश को एक ‘चारागाह’ बना दिया था।”
कश्यप ने शराब, चावल, गोठान और पीएससी जैसे मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के संसाधनों की खुलकर लूट हुई। अब एक-एक करके सब बेनकाब हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ईमानदार जांच को ‘राजनीतिक बदला’ बताना कांग्रेस की दोहरी मानसिकता को दिखाता है।
मंत्री ने भूपेश बघेल पर तंज कसते हुए पूछा—”अब क्या आप अपने घर और राजीव भवन की बिजली बंद करेंगे?”
उन्होंने बताया कि 2010 में कांग्रेस की सरकार ने खुद हसदेव अरण्य को गो एरिया घोषित किया था। जयराम रमेश के पर्यावरण मंत्रालय ने ‘नो गो’ ज़ोन को हटाया था।
इसके बाद 2011 में कांग्रेस सरकार ने तारा परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक्स खोलने का प्रस्ताव दिया।
मंत्री ने आगे बताया कि 2019 से 2023 के बीच भूपेश बघेल के सीएम रहते कोल ब्लॉक्स के लिए लगातार मंजूरियां दी गईं।
-
16 अक्टूबर 2019: पर्यावरण स्वीकृति की सिफारिश
-
31 मार्च 2021: ओपन कास्ट खदान के लिए समझौता
-
19 अप्रैल 2022: वन स्वीकृति स्टेज-1
-
23 जनवरी 2023: वन स्वीकृति स्टेज-2 की सिफारिश
मंत्री ने कहा कि अब सच्चाई सामने है। कांग्रेस को अब जवाब देना होगा, क्योंकि दस्तावेज़ झूठ नहीं बोलते।




