अमेरिका ने भारत पर प्रतिबंध लगा कर रूस पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई
By : hashtagu, Last Updated : August 20, 2025 | 12:20 pm
वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका की व्हाइट हाउस (White House) प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लीविट ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस पर दबाव डालने के उद्देश्य से भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। उन्होंने इस कदम को रूस पर दबाव बनाने का हिस्सा बताया, ताकि वह यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने पर मजबूर हो सके।
इससे पहले, ट्रम्प प्रशासन भारत के खिलाफ आर्थिक कार्रवाई को पैनल्टी या टैरिफ के रूप में देखता था, जो कि रूस से तेल खरीदने के कारण लागू किया गया था। ट्रम्प ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जिसमें 25% रेसीप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी शामिल हैं। रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो चुका है, जबकि पैनल्टी 27 अगस्त से प्रभावी होगी।
लीविट के अनुसार, इसका उद्देश्य रूस पर “सेकेंडरी प्रेशर” डालना है, ताकि वह युद्ध समाप्त करने की दिशा में कदम उठाए। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर ट्रम्प ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से मुलाकात की थी।
ट्रम्प और जेलेंस्की की मुलाकात
राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोमवार देर रात (भारतीय समय अनुसार) व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। ट्रम्प ने इस बैठक को सफल बताया, वहीं जेलेंस्की ने इसे अपनी अब तक की सबसे अच्छी बातचीत बताया।
हालांकि, इस बैठक के दौरान रूस-यूक्रेन के बीच सीजफायर पर कोई सहमति नहीं बन पाई। ट्रम्प ने कहा कि फिलहाल सीजफायर की कोई संभावना नहीं है।
बैठक के दौरान, यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर भी चर्चा हुई। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देश मिलकर इस पर काम करेंगे।
पुतिन से फोन पर बातचीत
मीटिंग के बाद, ट्रम्प ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से 40 मिनट की फोन कॉल की। पुतिन ने रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच सीधे बातचीत की तारीफ की और इसे आगामी 15 दिनों के भीतर आयोजित करने की बात की।
यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी
बैठक के बाद, जेलेंस्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यूक्रेन सुरक्षा गारंटी के बदले यूरोप के पैसों से अमेरिकी हथियारों के लिए लगभग 90 अरब डॉलर (करीब 8 लाख करोड़ रुपए) का सौदा करेगा।




