GST दरों में बड़ा बदलाव संभव: रोजमर्रा की चीजों से लग्ज़री गाड़ियों तक राहत और बोझ दोनों तय
By : hashtagu, Last Updated : September 3, 2025 | 11:43 am
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीएसटी सुधारों के आह्वान को अमल में लाने की दिशा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में आज से जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 58वीं बैठक शुरू हो गई है। दो दिवसीय इस अहम बैठक में दरों की कटौती, टैक्स संरचना में सरलता और अनुपालन को आसान बनाने जैसे कई प्रस्तावों पर विचार हो रहा है।
परिषद की नजर इस बार 175 से अधिक उत्पादों पर टैक्स में कटौती पर है। वहीं, मौजूदा चार स्लैब प्रणाली (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर दो स्लैब (5% और 18%) करने का प्रस्ताव भी गंभीरता से विचाराधीन है।
क्या बदल सकता है आम आदमी के लिए?
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टूथपेस्ट, शैम्पू, टैल्कम पाउडर, साबुन जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं, जो अभी 18% टैक्स के दायरे में हैं, उन्हें 5% स्लैब में लाने का प्रस्ताव है।
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बटर, चीज़ और रेडी-टू-ईट फूड्स (अचार, चटनी, स्नैक्स) पर टैक्स 12%/18% से घटाकर 5% किया जा सकता है।
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कपड़ा और खाद्य उत्पाद लगभग सभी 5% के स्लैब में शामिल हो सकते हैं, जिससे FMCG कंपनियों जैसे HUL, Nestle और Godrej को फायदा होगा।
व्हाइट गुड्स और ऑटो सेक्टर को राहत या झटका?
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टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी जैसी वस्तुएं, जो अभी 28% टैक्स पर हैं, उन्हें 18% स्लैब में डाला जा सकता है।
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सीमेंट पर भी 28% से घटाकर 18% टैक्स की संभावना है।
ऑटोमोबाइल पर असर
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1,200 सीसी तक की छोटी पेट्रोल कारों और हाइब्रिड कारों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है। इससे Maruti Suzuki और Toyota को फायदा होगा।
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लेकिन ₹20-40 लाख की इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स 5% से बढ़ाकर 18% किया जा सकता है—यह Tata Motors और Mahindra & Mahindra के लिए झटका साबित हो सकता है।
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लग्ज़री EVs (जैसे Tesla, BYD) पर 40% “sin tax” का प्रस्ताव भी लाया जा सकता है।
टू-व्हीलर सेक्टर की मांग पर राहत
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बजट टू-व्हीलर्स पर टैक्स 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है—Hero MotoCorp जैसे ब्रांड को राहत मिलेगी।
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लेकिन 350 सीसी से अधिक की बाइक (जैसे Royal Enfield और Bajaj Dominar) पर 40% टैक्स लगाने का प्रस्ताव है, जिससे मिड-सेगमेंट में झटका लग सकता है।
टैक्स स्लैब में बदलाव की तैयारी
अब तक मौजूद चार-स्लैब प्रणाली को सरल करते हुए सिर्फ दो मुख्य टैक्स स्लैब लागू करने का प्रस्ताव तैयार है:
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5%: आवश्यक वस्तुओं के लिए
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18%: सामान्य/गैर-आवश्यक वस्तुओं के लिए
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40%: “Sin Goods” (जैसे तंबाकू, लग्ज़री गाड़ियां आदि)
फिटमेंट पैनल ने इस पर सैद्धांतिक सहमति पहले ही दे दी है।
