आतंकियों के जनाजे में पाक सैनिक शामिल हुए, सेना प्रमुख ने खुद दिया था आदेश

By : dineshakula, Last Updated : September 18, 2025 | 1:48 pm

इस्लामाबाद / नई दिल्ली:  पाकिस्तान (Pakistan) के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने अपने सैन्य अधिकारियों को ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में वर्दी पहनकर शामिल होने का आदेश दिया था। यह खुलासा आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने किया है।

मसूद का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहा है कि जनरल हेडक्वार्टर ने आतंकियों को शहीद का दर्जा देते हुए कोर कमांडरों को जनाजों में शामिल होने और वर्दी में सुरक्षा देने का निर्देश दिया।

कुछ महीने पहले पाकिस्तानी सैनिकों की एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें वे मारे गए आतंकियों के अंतिम संस्कार में शामिल नजर आए थे।

भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।

भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को सवाई नाला, सरजाल, मुरिदके, कोटली, कोटली गुलपुर, मेहमूना जोया, भिंबर और बहावलपुर में निशाना बनाया। इनमें से मुरिदके लश्कर का मुख्यालय था। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी।

मसूद कश्मीरी ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की सेना की मीडिया शाखा ISPR ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और बहावलपुर के आतंकी कैंपों के संबंधों को छिपाने की कोशिश की। जबकि पाकिस्तान सरकार लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह कहती रही है कि देश में कोई आतंकी कैंप नहीं हैं।

इसी बीच लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने एक वीडियो जारी कर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी दी है। उसने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बांधों और इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश की जाएगी और हर जख्म का बदला लिया जाएगा।

कसूरी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार और सेना उन्हें फिर से मुरिदके में मुख्यालय खड़ा करने के लिए आर्थिक मदद दे रही है जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में तबाह कर दिया था।

उसने यह भी कहा कि हम अपने लोगों के लिए नरम हैं लेकिन दुश्मनों के लिए उतने ही खतरनाक हैं और ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।

भारतीय सेना ने ऑपरेशन के बाद उन पाकिस्तानी सैन्य और पुलिस अधिकारियों के नाम भी उजागर किए थे जो मारे गए आतंकियों के जनाजों में शामिल हुए थे। इससे पाकिस्तान में सेना और आतंकी संगठनों की मिलीभगत एक बार फिर बेनकाब हो गई है।