बीजेपी सांसद ने क्रेन ऑपरेटर को थप्पड़ मारा, सरदार पटेल की जयंती पर हंगामा
By : hashtagu, Last Updated : October 31, 2025 | 5:03 pm
सतना: सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती (Patel Jayanti) के मौके पर आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम में शुक्रवार दोपहर एक विवादित घटना सामने आई। सतना के सेमरिया चौक पर भाजपा सांसद गणेश सिंह ने सार्वजनिक रूप से एक नगर पालिका के क्रेन ऑपरेटर को थप्पड़ मार दिया।
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, सांसद गणेश सिंह हाइड्रोलिक क्रेन का इस्तेमाल कर बीआर अम्बेडकर की प्रतिमा पर फूल माला डाल रहे थे। जैसे ही क्रेन नीचे उतर रही थी, मशीन में झटका आया और वह कुछ सेकंड के लिए बीच में रुक गई। क्रेन जब आखिरकार नीचे आई, तो सांसद क्रोधित होकर ऑपरेटर गणेश कुशवाहा को बुलाकर थप्पड़ मार दिया। यह दृश्य भाजपा कार्यकर्ताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और राहगीरों की मौजूदगी में हुआ।
सतना के @BJP4India सांसद क्रेन में फँसे, और मदद करने आए नगर निगम कर्मचारी को ही थप्पड़ जड़ दिया – ऐसा लगता है कि ‘सत्ता का नशा’ अब कानून से ऊपर है।
यह न केवल सार्वजनिक कर्मचारियों के साथ अपमान है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और नैतिक जिम्मेदारियों की भी खुलेआम अवहेलना है।… pic.twitter.com/WQEB9P4tBa
— Satyanarayan Patel (कांग्रेस के सिपाही) (@snp_inc) October 31, 2025
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसे लेकर तीखी आलोचना भी हुई। वीडियो में सांसद को हाइड्रोलिक बॉक्स से उतरते और ऑपरेटर पर चिल्लाते हुए देखा जा सकता है, उसके बाद उन्होंने उसे थप्पड़ भी मारा, जबकि पुलिस और अधिकारी चकित होकर देख रहे थे।
घटना के गवाहों का कहना है कि क्रेन का झटका तकनीकी खराबी के कारण हुआ था। एक नगरपालिका कर्मचारी ने कहा, “ऑपरेटर केवल अपना काम कर रहा था। अचानक झटका मशीन की तकनीकी वजह से आया। लेकिन सांसद ने गुस्सा खो दिया।”
घटना के तुरंत बाद सांसद की प्रतिनिधि नीता सोनी ने सोशल मीडिया पोस्ट में इसे सही ठहराया, लिखा कि सांसद ने सिर्फ थप्पड़ मारा। उन्होंने कहा, “अगर वह इतनी ऊँचाई से गिर जाता, तो जिम्मेदारी कौन लेता?” इस पोस्ट ने राजनीतिक तनाव और बढ़ा दिया।
कांग्रेस ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे “अहंकार और सत्ता के नशे का प्रदर्शन” बताया। राज्य पार्टी प्रवक्ता अभिनव बरौलिया ने कहा, “यह भाजपा का असली चेहरा है, जहां नेता खुद को लोक सेवकों और जनता का मालिक मानते हैं।”
सरकारी कार्यक्रम में हुई यह घटना, जिसका उद्देश्य एकता और सम्मान को बढ़ावा देना था, व्यापक नाराजगी का कारण बन गई है। स्थानीय प्रशासन ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि सांसद के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी या नहीं, और क्या नगर पालिका कर्मचारी ने शिकायत दर्ज कराई है।




