ट्रंप सरकार का नया H-1B मॉडल: “आओ अमेरिका, ट्रेन दो, और वापस जाओ” – अब विदेशी प्रोफेशनल्स से अमेरिकियों को दी जाएगी ट्रेनिंग

By : dineshakula, Last Updated : November 13, 2025 | 11:52 am

वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका (United States) के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपनी नई H-1B वीज़ा नीति (H-1B Visa Policy) के तहत विदेशी कुशल कर्मचारियों (skilled foreign workers) के लिए बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है। अब यह कार्यक्रम लंबे समय तक विदेशी मज़दूरों पर निर्भर रहने के बजाय उन्हें अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने (train Americans) के लिए अस्थायी रूप से बुलाने का माध्यम बनेगा।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट (Scott Bessent) ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की यह नीति एक तरह का “नॉलेज ट्रांसफर (Knowledge Transfer)” मॉडल होगी, जिसका मकसद देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (manufacturing sector) को फिर से खड़ा करना है। उन्होंने कहा, “हम पिछले 20-30 सालों से मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों को आउटसोर्स करते आए हैं। अब हम सेमीकंडक्टर (semiconductor) और शिपबिल्डिंग (shipbuilding) जैसे उद्योगों को अमेरिका वापस लाना चाहते हैं।”

बेसेंट के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप का विज़न यह है कि विदेशी वर्कर्स को 3 से 7 साल के लिए अमेरिका लाया जाए, ताकि वे अमेरिकी कर्मचारियों को ट्रेन कर सकें। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ये विदेशी प्रोफेशनल्स अपने देशों को लौट जाएंगे और अमेरिकी वर्कफोर्स उनकी जगह संभालेगी। उन्होंने कहा, “अभी एक अमेरिकी उस नौकरी के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि हम इतने सालों से यह काम नहीं कर रहे थे। जब विदेशी एक्सपर्ट्स अमेरिकियों को सिखाएंगे — वही असली सफलता होगी।”

इस नीति का मकसद न सिर्फ रोजगार सृजन है बल्कि क्रिटिकल इंडस्ट्रीज (critical industries) को दोबारा अमेरिका में स्थापित करना और आयात पर निर्भरता घटाना भी है। ट्रंप की टीम का मानना है कि यह रणनीति “मेक इन अमेरिका” अभियान को नई दिशा देगी।

बेसेंट ने यह भी बताया कि ट्रंप प्रशासन USD 2,000 के टैरिफ रिबेट (tariff rebate) पर विचार कर रहा है, जिससे 1 लाख डॉलर तक की आय वाले परिवारों को राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा, “यह कदम ट्रेड पॉलिसी के फायदे आम परिवारों तक पहुंचाने के लिए है।”

उन्होंने ट्रंप की आर्थिक नीति को “पैरेलल प्रॉस्पेरिटी (Parallel Prosperity)” बताया — यानी वॉल स्ट्रीट और मेन स्ट्रीट दोनों साथ बढ़ें। इसके लिए अमेरिकी ट्रेजरी मार्केट को गहरा, स्थिर और तरल बनाए रखना अहम है।