“बांगलादेश में भारतीय तीरंदाजों का खौ़फनाक अनुभव, बिना सुरक्षा के नाशुक्त आश्रय में बिताई रात”
By : dineshakula, Last Updated : November 18, 2025 | 1:16 pm
नई दिल्ली: बांगलादेश की राजधानी ढाका (Dhaka) में भारतीय तीरंदाजों का एक भयानक अनुभव सामने आया है, जब एशियाई चैंपियनशिप के बाद उनकी वापसी की फ्लाइट एक दिन के लिए रद्द हो गई और उन्हें एक अत्यंत नाशुक्त आश्रय में रात बितानी पड़ी।
11 सदस्यीय भारतीय तीरंदाजों का समूह, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल थे, लगभग 10 घंटे तक ढाका एयरपोर्ट पर फंसा रहा। यह संकट उस समय आया जब ढाका में हिंसा की स्थिति थी, और एशियाई चैंपियनशिप के बाद उनकी फ्लाइट रद्द हो गई। टीम में शामिल कुछ प्रमुख खिलाड़ी जैसे अभिषेक वर्मा, ज्योति सुरेखा, और ओलंपियन धीरज बॉम्मदेवरा ने खुद को और अपनी टीम को खतरे में महसूस किया, जब बिना सुरक्षा के उन्हें ढाका एयरपोर्ट से बाहर एक खतरनाक स्थिति में भेजा गया।
फ्लाइट रद्द, और बिना सुरक्षा के आश्रय की ओर
तीरंदाजों की टीम जब एयरपोर्ट पहुंची, तो उन्हें बताया गया कि फ्लाइट में तकनीकी खराबी आई है, और अब वे उसी रात वापस भारत नहीं जा पाएंगे। यह स्थिति तब और गंभीर हो गई, जब ढाका में विरोध प्रदर्शन और हिंसा हो रही थी, जिससे एयरपोर्ट पर स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
फ्लाइट रद्द होने के बाद, भारतीय टीम को एक खिड़कीविहीन लोकल बस में घेरकर एक अस्थायी आवास पर भेज दिया गया, जो किसी गेस्ट हाउस से ज्यादा एक “धर्मशाला” (साधारण शरण स्थल) जैसा था। यहां तक कि इसमें 6 बेड के साथ एक ही कमरे में सारा ग्रुप ठहरा, और केवल एक गंदा टॉयलेट था, जिससे टीम के सदस्यों को बहुत परेशानी हुई।
अभिषेक वर्मा का बयान:
“यह वह जगह नहीं थी, जिसे एक होटल कहा जा सकता था। यहां तक कि बाथरूम की स्थिति इतनी खराब थी कि वहां नहाना तो दूर, सफाई भी नामात्र थी।”
वित्तीय और यातायात संकट
साथ ही, टीम ने अपने अस्तित्व के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का भी प्रयास किया, लेकिन बांगलादेश में कोई अंतरराष्ट्रीय भुगतान स्वीकार नहीं हो रहा था, जिससे उन्हें खुद को संजीवनी की तरह महसूस हुआ। उन्होंने कहा कि “हमने कई बार कोशिश की, लेकिन न तो हम कैब बुक कर पाए, न ही हम अपनी यात्रा की पुष्टि कर सके।”
सुबह फिर नया संकट
अगली सुबह, टीम को 7 बजे एयरपोर्ट लौटना पड़ा, लेकिन फिर से फ्लाइट में देरी और कनेक्शन मिस हो गए, जिससे टीम के कुछ सदस्य जैसे वर्मा को दूसरी बार यात्रा के लिए भारी समस्या का सामना करना पड़ा।
जिम्मेदारी कौन लेगा?
अभिषेक वर्मा ने विमान कंपनी पर तीव्र आलोचना की, “अगर फ्लाइट में तकनीकी खराबी थी और आप जानते थे कि बाहर हिंसा हो रही है, तो हमें बिना सुरक्षा के लोकल बस में क्यों भेजा गया? इसमें हमारी सुरक्षा को खतरा था।”
वर्मा ने सवाल उठाया, “यह कंपनी और सरकार की जिम्मेदारी है। क्या हमारी सुरक्षा का कोई मोल नहीं था?”
शानदार प्रदर्शन बावजूद संकट
यह सब परेशानियों के बावजूद, भारतीय टीम ने एशियाई चैंपियनशिप में अपनी शानदार जीत दर्ज की, जहां भारत ने कुल 10 पदक जीते, जिनमें 6 गोल्ड, 3 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज शामिल था। भारत ने साउथ कोरिया को पछाड़ते हुए पदक तालिका में पहला स्थान हासिल किया।


