गलत इंजेक्शन से 10 माह के शिशु की मौत, जानें, वाक्या

अक्सर डॉक्टर या नर्सिंग के स्टॉफ की लापरवाही के चलते मासूमों और बड़ों की जानें चली जाती हैं।

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  • Updated On - December 17, 2022 / 03:35 PM IST

छत्तीसगढ़। अक्सर डॉक्टर या नर्सिंग के स्टॉफ की लापरवाही के चलते मासूमों और बड़ों की जानें चली जाती हैं। ऐसा ही एक मामला (Durg) दुर्ग जिले के सिरसा गेट भिलाई 3 सिद्धिविनायक अस्पताल (Siddhivinayak Hospital) में सामने आया है। यहां एक आईसीयू में भर्ती में शिवांश वर्मा नामक मासूम को स्टॉफ की लापरवाही के चलते मौत हो गई। परिजनों का आरोप था, कि उसे नर्सिंग स्टॉफ ने गलत इंजेक्शन दे दिया था। उसे सर्दी-खांसी सी सामान्य परेशानी थी।

जहां, डॉक्टरों ने बताया था कि उसकी सांसे तेज रही थी। उसके सीने में कफ ज्यादा हो गया था। इसी का इलाज चल रहा था, लेकिन डॉक्टर की शिफ्ट खत्म होने के बाद नर्सिंग स्टॉफ ने गलत इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद उसकी हालत और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद जब पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया तो पीडि़त परिजनों ने कलेक्टर जनदर्शन में इसकी शिकायत की थी। जहां मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर के आदेश पर निजी अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। बच्चे शिवांश वर्मा के स्वास्थ्य उपचार में लापरवाही होने से बच्चे की मृत्यु होना सही पाया गया। लिहाजा यह छ.ग. नर्सिंग होम एक्ट नियम २०१० एवं २०१३ का उल्लंघन में उक्त कार्रवाई हुई। इसकी जांच के लिए सीएमएचओ दुर्ग ने टीम बनाई। जिसमें वे डॉक्टर और निजी नर्सिंग स्टॉफ दोषी पाए गए। इसके बाद अस्पताल के 4 डॉक्टर्स और 7 स्टाफ के खिलाफ भिलाई तीन थाने में एफआईआर दर्ज की गई।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

बच्चे की मौत के बाद शिवांश के माता-पिता पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। देव बलौदा के निवासी महेश कुमार वर्मा अपने नाती शिवांश वर्मा को सर्दी-खांसी की शिकायत होने पर सिद्धिविनायक अस्पताल लेकर गए थे। इलाज के तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। कहा कि डॉक्टर सिर्फ पैसा बनाने के लिए बच्चे की हालत को गंभीर बना दिया।