पंडवानी से छत्तीसगढ़ को मिली विश्व पहचान: मुख्यमंत्री साय

मुख्यमंत्री साय अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में बोल रहे थे।

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  • Publish Date - October 25, 2025 / 10:18 PM IST

रायपुर, छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पंडवानी (Pandvani) वह लोककला है, जिसने छत्तीसगढ़ को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है। हमारे कलाकारों ने न्यूयॉर्क, पेरिस और लंदन तक महाभारत की कथाओं पर आधारित प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है। उन्होंने कहा कि पंडवानी न केवल हमारी परंपरा की जीवंत कड़ी है, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा को वैश्विक मंचों तक पहुंचाने का माध्यम भी है।

मुख्यमंत्री साय अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग, रायपुर के सौजन्य से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, साजा विधायक ईश्वर साहू, तेलघानी बोर्ड अध्यक्ष जितेंद्र साहू, पूर्व मंत्री रमशीला साहू, जागेश्वर साहू, पूर्व विधायक लाभचंद बाफना, डॉ. दयाराम साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती बंजारे और दुर्ग महापौर अलका बाघमार सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पंडवानी के पुरोधा स्वर्गीय झाड़ूराम देवांगन और स्वर्गीय लक्ष्मी बंजारे की याद आ रही है। उन्होंने तीजन बाई को छत्तीसगढ़ की गौरवमयी विभूति बताया, जिन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण तीनों सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब तीजन बाई तंबूरा लेकर पंडवानी गाती हैं, तो ऐसा लगता है मानो आकाश के देवी-देवता भी सुन रहे हों।

साय ने बताया कि उन्होंने अनेक अवसरों पर तीजन बाई का पंडवानी गायन सुना है। श्याम बेनेगल की भारत एक खोज में उनका गायन मन को आनंद से भर देता है। उन्होंने पद्मश्री डॉ. उषा बारले की भी प्रशंसा की, जो इस अवसर पर मौजूद थीं और अपने गायन से सभी को मंत्रमुग्ध कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडवानी हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है और इस महासम्मेलन के माध्यम से इसे सहेजने का सराहनीय प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि बचपन में उन्होंने रामलीला मंडलियों से रामायण और पंडवानी के माध्यम से महाभारत की कथाएं सुनीं। यह विधा पीढ़ी दर पीढ़ी हमारी संस्कृति को जीवित रखे हुए है।

उन्होंने कहा कि पंडवानी की सबसे खास बात यह है कि इसमें स्त्री-पुरुष का कोई भेद नहीं है। तीजन बाई और डॉ. उषा बारले जैसी कलाकारों ने यह साबित किया है कि महिलाएं भी इस विधा में समान रूप से अग्रणी हैं। इससे छत्तीसगढ़ की सामाजिक तासीर झलकती है, जहां मातृशक्ति को कला के क्षेत्र में भी पूरा सम्मान मिलता है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरगुजा से बस्तर तक हर क्षेत्र की अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान है। उनकी सरकार छत्तीसगढ़ी लोककला और संस्कृति को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। कलाकारों की पेंशन राशि बढ़ाई गई है और उन्हें अधिक अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही, चित्रोत्पला फिल्म सिटी की स्थापना का निर्णय लिया गया है ताकि छत्तीसगढ़ी सिनेमा को प्रोत्साहन मिल सके।

उन्होंने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया था, तब उनके मन में विकास के साथ संस्कृति को सहेजने की गहरी भावना थी। आज ऐसे आयोजनों को देखकर लगता है कि अटल जी का सपना पूरा हो रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 1 नवंबर को राज्य की रजत जयंती मनाई जाएगी और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रायपुर आएंगे। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे राज्योत्सव में शामिल होकर छत्तीसगढ़ की संस्कृति का गौरव बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री साय ने घोषणा की कि शिक्षा विभाग जल्द ही 5000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करेगा। इससे ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। उन्होंने नंदिनी के नागरिक कल्याण महाविद्यालय में स्नातकोत्तर कक्षाएं शुरू करने, अछोटी में बीएड कॉलेज खोलने, मेड़ेसरा को आदर्श ग्राम बनाने, समुदायिक भवन के लिए 20 लाख रुपये देने और सभी पंचायतों में सीसी रोड बनाने की भी घोषणा की।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ कला और संस्कृति की भूमि है और यहां के कलाकारों ने राज्य को देश-दुनिया में नई पहचान दिलाई है। उन्होंने सभी को राज्योत्सव में रायपुर आने का आमंत्रण दिया।

कार्यक्रम की संयोजक पद्मश्री डॉ. उषा बारले ने स्वागत भाषण देते हुए पंडवानी महासम्मेलन और अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के उद्देश्य बताए और मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह, एसएसपी विजय अग्रवाल, अनेक अधिकारी, पंडवानी कलाकार और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।