कवासी के बंगले में 15 घंटे की छापेमारी, ED ने जारी किया समन: लखमा ने दावा किया विधानसभा में घोटाला उजागर करने के कारण राजनीति प्रेरित छापा

By : dineshakula, Last Updated : December 29, 2024 | 11:20 am

रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में एजेंसी डिपार्टमेंट (ED) ने शनिवार को पाँच स्थानों पर 15 घंटे तक व्यापक छापेमारी की। इस छापेमारी में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) , उनके पुत्र हरीश लखमा और उनसे जुड़े अन्य व्यक्तियों के आवास स्थानों पर छापा मारा गया। ED ने कुछ व्यक्तियों को हिरासत में लिया है और कवासी लखमा तथा उनके बेटे समेत अन्य कुछ लोगों को समन जारी किया है।

छापेमारी के अगले दिन कवासी लखमा ने बताया कि उन्हें और उनके बेटे को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ED का यह कदम राजनीति प्रेरित है। लखमा ने कहा, “मैंने विधानसभा में बड़े घोटाले को उजागर किया था, इसलिए मुझपर छापा मारा गया है। भाजपा चुनाव के मद्देनजर मेरी बदनामी करने की राजनीति कर रही है। मेरे घर से एक कागज तक नहीं मिला है। एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने मुझे अंधेरे में रखा।”

लखमा ने आगे कहा कि वे अनपढ़ हैं और अधिकारियों ने उनके साथ अन्याय किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने उन्हें अंधेरे में रखा और केवल दस्तखत करवाए। लखमा ने दावा किया कि उन्हें इस घोटाले की कोई जानकारी नहीं है और उनसे संपत्ति की जानकारी मांगी गई है। ED के अधिकारियों ने उनके और उनके बेटे के मोबाइल उपकरण अपने साथ ले गए हैं और उनसे घोटाले के बारे में पूछताछ की।

दरअसल, 28 दिसंबर को ED की टीम ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा के धरमपुरा स्थित विधायक बंगला और सुकमा स्थित उनके दो मकानों में छापेमारी की। एक मकान में उनका बेटा हरीश लखमा जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में अपने परिवार के साथ रहता है, जबकि दूसरे मकान में भी उनके परिवार के सदस्य निवास करते हैं। ED ने इन मकानों से कैश, दस्तावेज, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। कवासी के करीबी सुशील ओझा के घर पर भी रेड हुई, लेकिन ओझा वहां उपस्थित नहीं थे।

सुकमा में, ED ने नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू और ठेकेदार अभिषेक सिंह भदौरिया के घरों पर भी दबिश डाली। रायपुर में सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित मकान पर भी ED पहुँची, लेकिन ओझा घर पर नहीं थे।

धमतरी में कांग्रेस नेता रामभुवन कुशवाहा के घर ED की टीम ने दबिश डाली, जहां से दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और हार्ड डिस्क सिस्टम जब्त किए गए। ED ने शराब घोटाले में दो पूर्व मंत्रियों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी, जिसमें कवासी लखमा, अमरजीत भगत, यूडी मिंज, गुलाब कमरो और शिशुपाल शामिल हैं। इनपर आरोप है कि उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये का कमीशन दिया जाता था।

ED ने ट्रिपल A (IAS अफसर अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी) को घोटाले का मास्टर माइंड बताया है, जिसके बाद ACB ने इस मामले में अलग से कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच में कई ठेकेदारों को भी शामिल किया गया है और दस्तावेजों में कवासी लखमा के हस्ताक्षर पाए गए हैं, जिससे उन्हें आरोपी ठहराया गया है।