शराब घोटाले में ED की बेतुकी छापेमारी, लखमा ने राजनीति को ठाना लक्ष्य

By : dineshakula, Last Updated : December 29, 2024 | 11:33 am

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) पर एजेंसी डिपार्टमेंट (ED) द्वारा शनिवार को व्यापक छापेमारी की गई, जिससे राज्य की राजनीति में तहलका मच गया है। इस छापेमारी में लखमा, उनके पुत्र हरीश लखमा और करीबी सुशील ओझा के घरों पर 15 घंटे तक दबिश डाली गई। ED ने इन स्थानों से कैश, दस्तावेज, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं और कुछ व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। इसके साथ ही, लखमा और उनके बेटे समेत अन्य कुछ लोगों को समन जारी किया गया है।

लखमा ने मीडिया के सामने आकर ED की इस छापेमारी को राजनीति प्रेरित बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि ED का यह कदम भाजपा की चुनावी रणनीति के तहत विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। लखमा ने कहा, “मैंने विधानसभा में बड़े घोटाले को उजागर किया था, इसी कारण मुझपर छापा मारा गया है। भाजपा चुनाव के मद्देनजर मेरी बदनामी करने की राजनीति कर रही है।”

लखमा ने यह भी कहा कि वे अनपढ़ हैं और अधिकारियों ने उनके साथ अन्याय किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एपी त्रिपाठी जैसे उच्च अधिकारी इस घोटाले के मास्टर माइंड हैं। लखमा ने स्पष्ट किया, “अधिकारी जो दस्तखत करवाते थे, मैं सिर्फ दस्तखत करता था। वास्तविक जानकारी अधिकारी ही पढ़ते और समझते थे। मुझे इस घोटाले की कोई जानकारी नहीं है।”

28 दिसंबर को ED की टीम ने लखमा के धरमपुरा स्थित विधायक बंगले और सुकमा में उनके दो मकानों पर छापेमारी की थी। एक मकान में उनका बेटा हरीश लखमा जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में रहता है, जबकि दूसरे मकान में अन्य परिवार के सदस्य निवास करते हैं। ED ने इन मकानों से कैश, दस्तावेज, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। इसके अलावा, कवासी के करीबी सुशील ओझा के घर पर भी छापेमारी की गई, लेकिन ओझा मौजूद नहीं थे।

सुकमा में, ED ने नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू और ठेकेदार अभिषेक सिंह भदौरिया के घरों पर भी दबिश डाली। रायपुर में सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित मकान पर भी ED की टीम पहुंची, लेकिन ओझा घर पर नहीं थे। धमतरी में कांग्रेस नेता रामभुवन कुशवाहा के घर पर भी ED की टीम ने दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और हार्ड डिस्क सिस्टम जब्त किए।

कांग्रेस ने इस ED की कार्रवाई का कारण निकाय और पंचायत चुनाव बताया है। कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “वरिष्ठ आदिवासी नेता पर ED की कार्रवाई बीजेपी की दुर्भावना को दर्शाती है। जब-जब छत्तीसगढ़ में चुनाव होते हैं, तब कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाया जाता है। हम इस अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे और मुकाबला करेंगे।”

शराब और कोयला घोटाले मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी। इनमें कवासी लखमा, अमरजीत भगत, यूडी मिंज, गुलाब कमरो और शिशुपाल के नाम शामिल हैं। ED ने ट्रिपल A (IAS अफसर अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी) को घोटाले का मास्टर माइंड बताया है, जिसके बाद ACB ने इस मामले में अलग से कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच में कई ठेकेदारों को भी शामिल किया गया है और दस्तावेजों में लखमा के हस्ताक्षर पाए गए हैं, जिससे उन्हें आरोपी ठहराया गया है।