‘प्लेबॉय ‘बनने के चक्कर में ‘ठगे’ गए’ 400′ लोग!, बुजुर्ग से भी ठगे ’11 लाख रुपए’
By : hashtagu, Last Updated : March 20, 2023 | 10:47 pm
मामले का खुलासा करते दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि पद्मनाभपुर थाने में वहां के रहने वाले सोमिर कुमार चंद्रा ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि उसके पास 23 सितंबर 2022 को एक SMS आया था। उसमें लिखा था हेलो आई एम जेनी प्लीज कॉल मी। इसके बाद जब बुजुर्ग ने कॉल किया तो उन्होंने उसे डेटिंग साइट का लालच दिया और रजिस्ट्रेशन के नाम पर 2149 रुपए लिए। इसके बाद उसकी आईडी बनाने के नाम पर 3999 रुपए और उसके बाद धीरे-धीरे करके उससे 11 लाख रुपए ले लिए।
पूछताछ में सोमिर कुमार चंद्रा ने पुलिस को ये भी बताया कि, बदमाशों ने कहा था कि, यदि वो किसी लड़की के साथ डेट करेगा तो उसे पुलिस परेशान नहीं करेगी। बुजुर्ग ने एक ग्रीन कार्ड बनवाया, जिससे वो उन महिलाओं या लड़कियों के पास जा सकेगा, जहां सेक्स सर्विस प्रोवाइड कराने के नाम पर उसे 15-20 हजार रुपए मिलेंगे। जब पैसे लेने के बाद भी बुजुर्ग को न सर्विस मिली न किसी लड़की का नंबर तो उसने अपने पैसे मांगे। इसके बाद पैसे रिफंड करने के नाम पर भी उससे लगभग 6 लाख रुपए ठग लिए।
शादी वाले दिन ही पुलिस ने ठगों को पकड़ा
शिकायत मिलने के बाद IPS प्रभात कुमार साइबर टीम के साथ इस केस में लग गए। इसके बाद पुलिस ने एक लड़की और एक लड़के को पकड़ा। लड़की की पहचान प्रिया मंडल (27 साल) निवासी 2 नंबर जोधपुर कॉलोनी कोलकाता और लड़के की पहचान सौम्य ज्योतिदास (23 साल) निवासी बडोली मोहनपुर पश्चिम बंगाल वर्तमान पता संतोषपुर कोलकाता के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में दो लड़की और एक लड़के को और पकड़ा है, उसे उनकी टीम लेकर दुर्ग आ रही है। वहीं इस मामले का एक मास्टर माइंड फरार है।
कॉल सेंटर की आड़ में चलता था पूरा खेल
पुलिस ने बताया कि ये लोग मिनी कॉल सेंटर के नाम पर अपना बिजनेस चलाते थे। उसी की आड़ में ये फ्रॉडगिरी की दुकान भी चलती थी। इनके साथ एक लिंक अर्थ टेक सॉल्यूशन एंड क्लाउड डाटा सॉल्यूशन नाम से कंपनी का संचालक भी था। ये दूसरी पोर्न साइट्स से लोगों के नाम नंबर का डाटा खरीदकर उन्हें चैट फ्रेंड बनाने वाले मैसेज भेजता था। ये मैसेज पूरे भारत के अलग-अलग राज्यों में बंच में भेजे जाते थे। मैसेज के बाद जो व्यक्ति इनको कॉल करता था। उसके साथ ये लोग सेक्स सर्विस और फीमेल चैटिंग सर्विस के नाम पर ठगी करते थे।