90 करोड़ का डीएमएफ घोटाला : कोर्ट में रानू, सौम्या और सूर्यकांत पेश, नहीं मिली राहत

By : madhukar dubey, Last Updated : March 6, 2025 | 7:03 pm

रायपुर। डीएमएफ घोटाला (DMF SCAM)मामले में विशेष कोर्ट ने तीनों आरोपी सौम्या चौरसिया, रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी को ईओडब्ल्यू की रिमांड पर सौंप दिया है. आरोपियों को 10 मार्च तक ईओडब्ल्यू रिमांड (EOW remand till March 10)पर लेकर पूछताछ करेगी. डीएमएफ घोटाले में अब पांच आरोपी सौम्या चौरसिया, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, माया वॉरियर, मनोज द्विवेदी ईओडब्ल्यू की रिमांड पर रहेंगे।

बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि ईओडब्ल्यू रिमांड खत्म होने के बाद आज तीनों को कोर्ट में पेश किया गया. आज फिर ईओडब्ल्यू ने 10 मार्च तक रिमांड की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए तीनों आरोपियों को रिमांड पर सौंपा है ।

आरोप पत्र में अब तक हुई जांच के हवाले से ईडी ने आकलन दिया है कि डीएमएफ घोटाला 90 करोड़ 48 लाख रुपये का है। आरोप पत्र में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, महिला बाल विभाग की अफसर रहीं माया वारियर, ब्रोकर मनोज कुमार द्विवेदी समेत 16 आरोपितों के नाम हैं. ईडी की जांच में पता चला कि वर्ष 2021-22 और 2022-23 में मनोज कुमार द्विवेदी ने रानू साहू और अन्य अधिकारियों से मिलीभगत की. अपने एनजीओ उदगम सेवा समिति के नाम पर कई डीएमएफ ठेके हासिल किए थे. अधिकारियों को टेंडर की राशि का 40 प्रतिशत तक कमीशन दिया था।

टेंडर भरने वालों को पहुंचाया अवैध लाभ

ईडी की रिपोर्ट के आधार पर डीएमएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. केस में यह तथ्य सामने आया कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है. टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया. जांच में पाया गया कि टेंडर राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है।

यह भी पढ़ें: मोहम्मद शमी के रोजा नहीं रखने पर बोले टीएस सिंहदेव- ‘बेबुनियादी बातों का कोई मतलब नहीं’