खूनी चाइनीज मांझे ने छिनी मासूम की जिंदगी ! हाई कोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान

By : hashtagu, Last Updated : January 21, 2025 | 6:41 pm

रायपुर। चाइनीज मांझे की चपेट में आने एक सात साल के मासूम की मौत हो गई। इस ह्दय विदारक घटना को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है और जवाब तलब किया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह घटना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘खतरनाक’ है, और राज्य सरकार की प्रतिबंधात्मक नीतियों के बावजूद चाइनीज मांझा (Chinese Manja) बाजार में कैसे उपलब्ध हो रहा है, इस पर सवाल उठाया।

  • कोर्ट ने स्पष्ट रूप से पूछा कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर राज्य सरकार ने अब तक कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाए। साथ ही, कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई है। न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि इससे राज्य सरकार की निष्क्रियता और असफलता भी उजागर होती है।

मुख्य सचिव से अदालत ने यह सवाल पूछा-

  • राज्य सरकार के द्वारा चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद यह बाजार में कैसे मिल रहा है?
  • क्या सरकार ने इस अधिनियम का पालन सुनिश्चित किया है?
  • मृत बच्चे के परिवार को क्या मुआवजा दिया गया है?
  • महिला अधिवक्ता को घायल करने वाली घटना के बाद क्या कोई कार्रवाई की गई है?
  • क्यों राज्य सरकार ने इस गंभीर समस्या पर कोई त्वरित कदम नहीं उठाया?

रायपुर के पचपेड़ी नाका इलाके में रविवार को सात साल का बच्चा अपने दोस्तों के साथ गार्डन में खेलते हुए चाइनीज मांझे का शिकार हो गया। जब बच्चा मांझे से जूझता हुआ नीचे गिरा, तो उसका गला कटा और वह गंभीर रूप से लहुलुहान हो गया। आसपास के लोगों ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना चाइनीज मांझे की खतरनाक nature को और उजागर करती है, जो आमतौर पर कांच या धातु से बना होता है और जो उपयोगकर्ता के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।

  • इसके अलावा, रायपुर के देवेंद्र नगर में एक महिला अधिवक्ता भी चाइनीज मांझे के कारण घायल हो गई। महिला की गर्दन में मांझा फंसने से वह गिर गई और घायल हो गई। यह दोनों घटनाएँ चाइनीज मांझे की गंभीरता और इसके कारण होने वाले हादसों की बढ़ती संख्या को दर्शाती हैं।
  • चाइनीज मांझे से जुड़ी इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए, कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में माना और मामले की सुनवाई की। अदालत ने राज्य सरकार से यह पूछा कि चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद यह कैसे उपलब्ध हो रहा है, और इस पर क्या कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, अदालत ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि क्या मृत बच्चे के परिवार को उचित मुआवजा दिया गया है, और महिला अधिवक्ता के घायल होने पर क्या किसी तरह की राहत प्रदान की गई है।

आखिरकार, इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मामले में अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करें और यह सुनिश्चित करें कि चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण रूप से नियंत्रण हो।