‘भूपेश’ के बंगले पर फिर ‘राजभवन’ जाने की रणनीति बनी, पढ़ें, वाक्या

(reservation bill) आरक्षण बिल पर साइन नहीं करने की जिद अड़ीं राज्यपाल (Governor) पर सियायत गर्म है। वहीं दूसरी ओर भूपेश सरकार की कोशिश है कि उनको जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए किसी तरह मना लिया जाए।

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  • Publish Date - January 17, 2023 / 09:48 AM IST

छत्तीसगढ़। (reservation bill) आरक्षण बिल पर साइन नहीं करने की जिद अड़ीं राज्यपाल (Governor) पर सियायत गर्म है। वहीं दूसरी ओर भूपेश सरकार की कोशिश है कि उनको जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए किसी तरह मना लिया जाए। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक हुई। मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में विधानसभा में पारित अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक के राजभवन में रुक जाने से बनी स्थितियों पर चर्चा हुई।

इन विधेयकों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए ३२ प्रतिपक्ष आरक्षण का प्रावधान है। सोमवार को हुई बैठक में इन विधेयकों के अनुमोदन की अनुशंसा की गई। इसका अनुमोदन न होने पर विभिन्न वर्गों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति वर्ग को भी नौकरियों में भर्ती तथा शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश संबंधी कठिनाइयां आ रही है। तय हुआ कि आदिवासी विधायक एक बार फिर राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात करने जाएंगे। वहां सलाहकार समिति की अनुशंसा उनको सौंपकर दोनों विधेयकों पर अविलंब हस्ताक्षर करने की मांग उठाई जाएगी।

बैठक में आदिम जाति विकास मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, छत्तीसगढ़ जनजातीय सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष व विधायक रामपुकार सिंह, बस्तर सांसद दीपक बैज, विधायक शिशुपाल सोरी, इन्द्रशाह मण्डावी, डाॅ. लक्ष्मी ध्रुव, चक्रधर सिंह, लखेश्वर बघेल, चंदन कश्यप शामिल हुए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, अनूप नाग, विनय भगत, गुलाब कमरो, पूर्व विधायक बोधराम कंवर आदि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल हुए।

नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव जाएगा

जनजातीय सलाहकार समिति की बैठक में नगरनार इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं करने के प्रस्ताव पर बात हुई। ऐसा प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने का भी निर्णय लिया गया। इस स्टील प्लांट को केंद्र सरकार ने निजीकरण के लिए प्रस्तावित किया है। बस्तर में इसका विरोध हो रहा है। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में सामुदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों पर त्वरित कार्यवाही करने की बात कही।