छत्तीसगढ़। धुर नक्सली जिला सुकमा (sukma) के घनघोर जंगल में बसे गांव मोटकपल्ली जवानों ने दर्द से तड़पती गर्भवती महिला की जान बचाई। अस्पताल तक पहुंचने का साधन नहीं था, ऐसे में जब जवानों को सूचना मिली, एक गर्भवती महिला (pregnant woman) की हालत गंभीर है। जहां, वे पोटकपल्ली गांव में मौजूद सुरक्षा बल कैंप के माध्यम से उन्होंने महिला को अस्पताल ले गए। आज इनकी इस सहायता की चर्चा पूरे जिले में हो रही है।
जानकारी के मुताबिक कैंप में तैनात कोबरा २०८ कोबरा सीआरपीएफ २१२ बटालियन तथा एसटीएफ द्वारा एक प्रेरणादायी मानवतापूर्ण कार्य किया गया है। इसके अंतर्गत आज सुबह पोटकपल्ली गांव के ग्रामीणों द्वारा सुरक्षाबल कैंप पोटकपल्ली में सूचना दी गई। गांव की ही रहने वाली महिला वेट्टी माया पत्नी भीमाराम वेट्टी जो गर्भवती थी। उसे आज सुबह ही तीव्र प्रसव पीड़ा हुई।
जिस पर महिला के पति सहित ग्रामीणों द्वारा तत्काल माया को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने और आपात स्थिति होने के कारण सहयोग की अपील की गई। जिस पर तत्काल कैंप में उपस्थित कमांडेंट २०८ कोबरा के निर्देश में कैंप में उपस्थित २०८ कोबरा के चिकित्सा अधिकारी राजेश पुट्टा एवं राजेंद्र सिंह उप कमांडेंट सहित एक मेडिकल टीम तत्काल मौके पर रवाना हो गई। जहां महिला के घर पहुंची चिकित्सा अधिकारी २०८ कोबरा ने महिला को तत्काल दवाओं से राहत दी। इसके बाद महिला को अस्पताल पहुंचाया।
सूचना मिलने पर जितेंद्र कुमार ओझा कमांडेंट २०८ कोबरा ने तत्काल ही एसके राय उपमहानिरीक्षक रेंज कोंटा को इस मामले में सूचित किया। उनके दिशा निर्देश पर तत्काल ही एक सिविल वाहन की व्यवस्था की व एक सुरक्षा दस्ते की निगरानी में सिविल वाहन में प्रसव पीडि़त महिला को भद्राचलम स्थित सिविल अस्पताल पहुंचाया गया।