छत्तीसगढ़। 3 जनवरी की देर रात अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक सर्जरी (Administrative surgery) की गई है। 87 आईएएस और एक IPS के तबादले के बाद पूरे प्रदेश में प्रशासनिक तस्वीर ही बदल गई। अगले दिन कई दिग्गज नेताओं और अफसरों ने अंदरखाने में मनमानी का आरोप लगाया। बताया जा रहा है कि 5 दिसंबर तक कई शिकायतें पीएमओ तक पहुंची। उस दिन पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का राजस्थान में दौरा था। वहां उन्होंने मुख्यमंत्री और मंत्री को हिदायत देते हुए कहा कि सत्ता बदलते ही तबादलों का दौर शुरू हो जाता है।
बुधवार की रात में हुए तबादलों को लेकर संगठन में भी कुछ नाराजगी चल रही है। बालौदाबाजार के कलेक्टर चंदन कुमार की शिकायत चुनाव के दौरान निर्वाचन समिति के संयोजक डॉ. विजय शंकर मिश्रा ने की थी, लेकिन उन्हें नहीं बदला गया। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों से भी उनके सचिव बनाने के समय नहीं पूछा गया। जिन अफसरों के काम को केंद्र ने अवार्ड दिया, जो बेहतर परफार्मेंस कर रहे थे, उन्हें भी हटा दिया गया। एक अफसर रायपुर में कांग्रेस नेता के बेहद करीबी थे, उन्हें कलेक्टर बना दिया गया। ऐसे भी आरोप लगाए गए हैं कि कई वरिष्ठ नेताओं की चली तक नहीं।
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