आखिर क्यों ‘भूपेश’ को आधा घंटा ‘समझ’ में नहीं आया बजट! बोले-सिर्फ ‘शब्दों जाल’ के अलावा कुछ नहीं…VIDEO
By : hashtagu, Last Updated : February 9, 2024 | 10:30 pm
- कांग्रेस सरकार की योजनाओं का नकल
भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी हमारी योजना की नकल क्यों कर रही है ? श्रमिकों को दे रहे हैं, किसानों को दे रहे हैं, तेंदूपत्ता संग्रहकों को भी दे रहे हैं। यह सब हमारी योजना है। बिजली बिल हाफ योजना हमारी योजना है। नकल क्यों कर रहे हैं ? आप इस योजना को और डुबोगे।
- कहीं यह जिक्र नहीं है कि व्यापार कैसे बढ़ेगा ? उद्योग कैसे बढ़ेंगे ?
इस बजट में कहीं यह जिक्र नहीं है कि व्यापार कैसे बढ़ेगा ? उद्योग कैसे बढ़ेंगे ? लोगों को लाभ कैसे मिलेगा ? केवल आंकड़ों में बता दिया गया कि 22 परसेंट बढ़ा रहे हैं, 20% बढ़ा रहे हैं, लेकिन कर क्या रहे हैं कुछ चंद कॉलेज, कुछ हॉस्टल वह भी केवल कुनकुरी और जशपुर इसके अलावा कुछ भी नहीं। रेल दिया है कोयला डुलाने के लिए, अदानी को लाभ पहुंचाने के लिए, उसके अलावा इस बजट में और क्या है ?
इसे लैपटॉप-टैब रखकर पढ़ा है
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर भूपेश बघेल ने कहा कि टेक्नोलॉजी पहले भी थी। आप एक कॉल करिए आपको 13 प्रकार की सुविधा मिल रही थी। यह पहले से ही हो रहा है। इसमें आपने क्या नया किया, केवल ये नया है कि आपने इसे लैपटॉप-टैब रखकर पढ़ा है। इसके अलावा और क्या टेक्नोलॉजी में सुधार हुआ है।
बजट मुंगेरीलाल के हसीन सपनों जैसा
यह बजट मुंगेरीलाल के हसीन सपनों जैसा है, क्योंकि यह कह रहे हैं कि जीडीपी 5 लाख से बढ़कर 10 लाख कर देंगे। ये तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे 5 साल पहले जब मैं नीति आयोग की बैठक में शामिल हुआ था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी कर देंगे, अभी तक के 3:30 ट्रिलियन डॉलर ही पहुंच पाया है। ये केवल कागजों में हैं धरातल में कुछ भी नहीं है।
ये पूरा बजट मोदी जी की गारंटी के बोझ तले दबा हुआ
इस पूरे बजट में नया कुछ भी नहीं है। वैसे भी ये पूरा बजट मोदी जी की गारंटी के बोझ तले दबा हुआ। नया कोई कार्यक्रम इसमें नजर नहीं आ रहा है। हमारी सरकार में जो योजनाएं चल रही थी उसका केवल नाम बदलने का काम किया गया है।
उसके अलावा इसमें कुछ भी नहीं है। बजट का आकार बढ़ा दिया गया है, लेकिन आय में कैसे वृद्धि होगी इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। दूसरी बात यह खुद भी कह रहे हैं कि ये FRBF एक्ट के नीचे है। 3 प्रतिशत होना चाहिए और 2.9 है। एक ओर कहते हैं कि खोखला कर दिया ओर दूसरे तरफ कहते हैं कि सब एफआरबीएफ एक्ट के दायरे में है। यह दोनों में विरोधाभास है।
- केवल होल्डिंग और विज्ञापनों की सरकार
भूपेश बघेल ने कहा कि हमने जो वित्तीय ढांचा खड़ा किया था, उस कारण से यह सब हो पाया है। सरकार का जो यह बजट है, केवल होल्डिंग और विज्ञापनों का है। दो-दो सप्लीमेंट्री बजट हो गए। किसी भी आवासहीन व्यक्ति को दूसरी किस्त नहीं मिली, ना नए लोगों को पहले किस्त मिली है।
- ना हमने जो साढ़े सात लाख लोगों को दिया था, उसकी दूसरी किस्त भी नहीं मिली है। जबकि इसका बजट में प्रावधान है।
महतारी वंदना योजना में आप देखेंगे कि सप्लीमेंट्री बजट जो 2 महीने पहले लाया था, उसमें अभी तक किसी को ₹1 नहीं दिया गया। उसी प्रकार से सबका नाम बदलने का काम चल रहा है। चाहे भूमिहीन श्रमिकों की बात हो चाहे, डॉक्टर खूबचंद बघेल योजना की बात हो, यह सारी योजनाएं हमने शुरू की थी। उसका नाम इन्होंने बदला बस है। उसके अलावा कुछ नहीं है। लच्छेदार भाषण दिया है इसके अलावा इस बजट में कुछ भी नहीं है।
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