छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव हारने के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने ईवीएम पर उठाए सवाल

छत्तीसगढ़ में नगर निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने चुनाव प्रक्रिया में ईवीएम मशीनों के इस्तेमाल

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  • Updated On - February 16, 2025 / 03:22 PM IST

जगदलपुर, 16 फरवरी (आईएएनएस)। (Municipal body election results in Chhattisgarh)छत्तीसगढ़ में नगर निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद (PCC President Deepak Baij)पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने चुनाव प्रक्रिया में ईवीएम मशीनों के इस्तेमाल को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। दीपक बैज ने कहा कि शुरुआत में सरकार ने चुनाव बैलेट पेपर पर कराने की बात कही थी, जिसका उन्होंने स्वागत भी किया था। लेकिन बाद में अचानक सरकार ने यू-टर्न लेते हुए ईवीएम से चुनाव कराना शुरू कर दिया। इससे पारदर्शिता और विश्वसनीयता को लेकर कई चिंताएं पैदा हो गई हैं।

दीपक बैज ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान कई जगह ईवीएम मशीनें खराब होने की घटनाएं सामने आईं। उन्होंने कहा, “हमने शुरुआत में बैलेट पेपर में चुनाव कराने का समर्थन किया था, क्योंकि यह तरीका अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय माना जाता है। लेकिन फिर सरकार ने अचानक अपनी नीति बदल ली और ईवीएम से चुनाव कराने का निर्णय लिया।”

उन्होंने कहा कि इस बदलाव के कारण ही पूरे देश में, खासकर तमाम विपक्षी दलों, सुप्रीम कोर्ट के वकीलों और बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी का आरोप उठाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुए चुनाव में कई बार देखा गया कि महापौर और पार्षद का एक ही ईवीएम मशीन में चुनाव हो रहा है। इसके अलावा, मशीन का हैंग होना, वीवीपैट पर्ची का न होना खामियों की ओर इशारा करता है। तकनीकी खराबियों के चलते कुछ मशीनें तो पूरी तरह से बंद भी हो गईं। दीपक बैज ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में मतदाता भ्रमित हो जाते हैं और चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है। बोले, “सवाल कल भी थे, आज भी हैं और सवाल आने वाले कल में भी रहेंगे।”

दीपक बैज ने कहा कि देश के तमाम विपक्षी दल, सुप्रीम कोर्ट के वकील और बुद्धिजीवी इस विषय पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। इन सभी का मानना है कि अगर बैलेट पेपर में चुनाव होता, तो इन तकनीकी परेशानियों और विवादों से बचा जा सकता था। सुप्रीम कोर्ट ने भी समय-समय पर बैलेट पेपर के प्रयोग पर जोर दिया है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

सवाल उठाया कि आखिर किस आधार पर ईवीएम को चुना गया और इसे विश्वसनीय चुनावी प्रक्रिया के रूप में क्यों माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव की विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी है तो बैलेट पेपर को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

बता दें कि छत्तीसगढ़ के नगर निकाय चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित हुए। 11 फरवरी को हुए इन चुनावों में राज्य के 10 नगर निगम, 49 नगर पालिका और 113 नगर पंचायतों के लिए मतदान हुआ था। भारतीय जनता पार्टी ने सभी 10 नगर निगमों में जीत हासिल की है, जिससे कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा।

49 नगर पालिकाओं में से बीजेपी ने 35 में जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस ने केवल 8 नगर पालिकाओं में सफलता प्राप्त की। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी ने बिलासपुर की बोधरी नगर पालिका में अपनी पहली जीत दर्ज की है।

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