राजनीतिक-प्रशासनिक ‘इदारों’ के अजातशत्रु…राज्यपाल’ रमेश बैस, पढ़ें, यशस्वी जीवन की कहानी
By : madhukar dubey, Last Updated : February 12, 2023 | 3:45 pm
इन्हें जब त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया। जहां उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता के जरिए राज्य की व्यवस्था के साथ-साथ विकास में भी अमूल्य योगदान दिया। वैसे इनकी छवि भारतीय राजनीति में एक गंभीर चिंतन और सिंद्धातों पर चलने वाली नेता के रूप में है।
यही वजह भी थी, जब झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में झारखंड विधानसभा से पारित झारखंड उत्पाद (संशोधन) विधेयक-2022 लौटाते हुए राज्य सरकार को उसके प्रविधानों में संशोधन को लेकर पुनर्विचार करने को कहा था। उन्होंने विधेयक में सुधार को लेकर कई परामर्श भी राज्य सरकार को दिए। साथ ही अन्य राज्यों में लागू इससे संबंधित प्रविधानों की समीक्षा करने तथा राजस्व पर्षद से मंतव्य प्राप्त कर विधेयक के प्रविधानों को संशोधित करने पर राज्य सरकार को विचार करने को था। इनकी जनहितों को ध्यान में रखने की क्षमता से इन्हें एक लौह पुरुष के रूप में पहचान मिलनी शुरू हो गई।
महाराष्ट्र में राजनीतिक द्वंद के बीच इनके प्रवेश के मायने
ये तो सच है, महाराष्ट्र राज्य पूरे देश को आर्थिक गति देने वाला राज्य है। इसके अलावा वहां के राजनीतिक हालातों में काम करना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। क्याेंकि भले ही वहां भाजपा की शिवसेना (शिंदे गट ) के साथ सरकार है लेकिन ठाकरे परिवार का भी दबदबा कायम है। लेकिन इस सब के बावजूद रमेश बैस इन सब झंझावतों से पार पा लेंगे। ऐसे में जाहिर है कि राज्य में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और विकास कार्यों में अपनी मेधा के जरिए अमूल्य योगदान देंगे।
श्री बैस अपने संसदीय क्षेत्र ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ में लोकप्रिय हैं…
वे अपने संसदीय क्षेत्र रायपुर ही नहीं, अपनी राजनीतिक कुशलता व मिलनसार स्वभाव के चलते पूरे छत्तीसगढ़ में लोकप्रिय हैं। इन्होंने अपनी राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में यहां भाजपा की पहली बार सरकार बनवाई। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक वे मुख्यमंत्री की दौड़ में भी शामिल थे। लेकिन पार्टी की नीतियों और रीतियों के चलते जो भी जिम्मेदारी मिली, उसे बड़ी कुशलता से उन्होंने निभाया।
सूत्रों का कहना है कि रमेश बैस कई राज्यों में पकड़ रखने वाले शख्स हैं। उन्होंने अपने केंद्रीय मंत्री के रूप में भारत के कई राज्यों की राजनीतिक और प्रशासनिक शैली को भलीभांति रूप से समझते हैं। यही वजह भी है कि उन्हें एक छोटे राज्य से बड़े राज्य में जिम्मेदारी देकर प्रमोट किया गया है।
रमेश बैस के अच्छे कार्यों की वजह से मिली बड़े राज्य की जिम्मेदारी
रमेश बैस को अच्छे कार्यों की वजह से महाराष्ट्र जैसे बड़े और ताकतवर राज्य की जिम्मेदारी है। वैसे अगर देखा जाए तो वे छत्तीसगढ़ की राजनीति में अच्छी पकड़ रखते हैं। काफी लंबे समय तक वे यहां सांसद भी रहे। बैस 1978 में रायपुर नगर निगम के लिए चुने गए थे और 1980 से 1984 तक मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य भी थे। वे 1989 में रायपुर, मध्यप्रदेश से 9वीं लोक सभा के लिए चुने गए थे और 11वीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं और 16वीं लोक सभा में फिर से निर्वाचित हुए थे। उन्होंने भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया।