महंत की नसीहत पर ‘अजय चंद्राकर’ सदन छोड़कर निकले!, इधर ‘मंत्री चौबे’ की खरखरी

By : hashtagu, Last Updated : March 17, 2023 | 7:39 pm

रायपुर। विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत (Dr. Charan Das Mahant) ने विपक्ष से आग्रह किया कि समय का ध्यान रखें। दो घंटे में सभी सदस्यों को अपनी बात रखनी है। भाजपा के लिए 28 मिनट तय हैं। महंत ने जब विपक्ष को आगाह किया तो भाजपा विधायक अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) बोल रहे थे।

महंत ने आग्रह किया कि कृपया इसे जल्दी खत्म करें, और भी सदस्यों को बोलना है। इस पर भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने हस्तक्षेप करते हुए अध्यक्ष महंत से कहा कि अजय चंद्राकर पार्टी से पहले वक्ता हैं क्योंकि वे सबसे पहले अपनी बात रख रहे हैं इसलिए उन्हें ज्यादा समय देना चाहिए। इस पर महंत ने कहा कि मैं किसी को मना नहीं कर रहा जो व्यवस्था निर्धारित है, उसकी जानकारी दे रहा। उसके बाद अजय चंद्राकर नाराज होकर अपनी सीट पर बैठ गए।

इसके बाद धरम लाल कौशिक ने पुनः हस्तक्षेप किया और अजय चंद्राकर की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि आप बोलना चालू रखें, आप चाहें तो हम बाकी भाजपा विधायकों का समय ले सकते हैं। यही सुझाव उन्होंने महंतजी को भी दिया। लेकिन अजय चंद्राकर नाराज हो गए थे और फिर वे नही बोले। उसके बाद फाइल उठाकर गुस्सा होकर सदन छोड़कर चले गए हालांकि महंत ने भी उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. फिर कौशिक भी चुपचाप अपनी जगह पर बैठ गए। इस वाकये से थोड़ी देर के लिए सदन में सन्नाटा छा गया।

मंत्री चौबे ने कहा, 14 विधायक ढाई घंटे बोलते हैं, हमारे 70 विधायकों को सिर्फ डेढ़ घंटे का समय

थोड़ी देर बाद जब विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत आसंदी छोड़कर चले गए तो अजय चंद्राकर वापस लौटे और अपनी जगह पर बैठ गए। इसी समय विधायक धरमलाल कौशिक, शिवरतन शर्मा और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने फिर से मामले को उठाते हुए संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे को छेड़ दिया। इसके बाद चौबे भी नाराज हो गए।

उन्होंने आसंदी की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि एक तरफ विपक्षी के 14 विधायक है जो ढाई घंटे से अधिक बोलते हैं और हम सुनते हैं जबकि सत्ता पक्ष के 70 विधायक है जो सिर्फ डेढ़ घंटे बोल रहे हैं लेकिन विपक्ष उन्हें सुनना नहीं चाहता।

इस पर अजय चंद्राकर ने खड़े होकर ऊंची आवाज में कुछ बोलना चाहा तो रविंद्र चौबे ने कहा कि आप इतना उत्तेजित क्यों हो रहे हैं। चौबे ने कहा कि कि व्यवस्था और अनुशासन तो बनाना होगा, तभी हम सदन को अच्छे ढंग से चला सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी स्थिति को संभाला और कहा कि चौबे विद्वान हैं। उन्हें हम सम्मान देते हैं। इसके बाद कार्यवाई आगे बढ़ गई और अजय चंद्राकर ने बोलना शुरू किया।