रायपुर। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर (Former minister Ajay Chandrakar) ने विधानसभा सत्र के दौरान बड़े राज खोले। उन्होंने शोध पीठों को लेकर बड़ी बात कही। साथ एक्स पोस्ट पर लिखा, तत्कालीन @bhupeshbaghelजी की कांग्रेस सरकार ने शोधपीठों को ना ही कोई अनुदान दिया और ना ही शोधपीठों के गठन (Formation of research chairs) का उद्देश्य पूरा हुआ है, जबसे शोधपीठों का गठन हुआ, तबसे ही इनमें पद रिक्त है, ये जादू सिर्फ भूपेश बघेल जी की सरकार में ही हो सकती है।
इसी तरह केटीयू रायपुर अंतर्गत कबीर शोधपीठ द्वारा संत कबीर जी पर एक साल में तीन किताब लिख दिए गए जबकि कोई कर्मचारी-अधिकारी नहीं हैं, तो छपाई कैसे हुआ? कहां से छपवाई की गई? क्या एक साल में तीन किताब जादू से लिख दिए गए?
तत्कालीन @bhupeshbaghel जी की कांग्रेस सरकार ने शोधपीठों को ना ही कोई अनुदान दिया और ना ही शोधपीठों के गठन का उद्देश्य पूरा हुआ है, जबसे शोधपीठों का गठन हुआ, तबसे ही इनमें पद रिक्त है, ये जादू सिर्फ भूपेश बघेल जी की सरकार में ही हो सकती है।
इसी तरह केटीयू रायपुर अंतर्गत कबीर… pic.twitter.com/rIOIu2jsN4
— Ajay Chandrakar (@Chandrakar_Ajay) February 23, 2024
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अजय चंद्राकर, शोध पीठ, छत्तीसगढ़,